हाल ही में भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह पर 10 साल के प्रबंधन को लेकर हुए समझौते पर अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया आई है जिसमें उन्होंने इसका स्वागत करते हुए कहा कि यह कराची बंदरगाह का विकल्प होगा।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अफ़गानिस्तान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि हम सभी देशों के साथ बेहतर आर्थिक संबंधों के पक्ष में हैं और चाबहार बंदरगाह का विस्तार किया जाना चाहिए।
"ईरान के चाबहार बंदरगाह में जितनी अधिक गतिविधि होगी, उतनी ही अधिक आर्थिक स्थिरता होगी।" क्षेत्र मजबूत हुआ है, जिससे अफगानिस्तान को फायदा हो रहा है और हम इसका समर्थन करते हैं," उन्होंने कहा।
मुजाहिद ने आगे बताया कि चाबहार बंदरगाह एक परिवर्तनकारी उद्यम है और इससे अफगानिस्तान की कराची बंदरगाह पर निर्भरता कम हो जाएगी। वहीं उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता अखुंदज़ादा अब्दुल सलाम जवाद ने कहा है कि 2023 में अफगानिस्तान-भारत का व्यापार 77.3 करोड़ डॉलर का था, जिसमें से 57.9 करोड़ डॉलर का निर्यात और 20 करोड़ डॉलर का आयात था।
अफगानिस्तान चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड माइंस ने भी चाबहार बंदरगाह के वर्तमान विकास को क्षेत्र के देशों, विशेषकर अफगानिस्तान और भारत के बीच व्यापार और पारगमन गतिविधियों के लिए फायदेमंद माना है।