चेकुनकोव ने कहा, "भारत उत्तरी समुद्री मार्ग पर काम करने में बहुत रुचि व्यक्त करता है। चुनाव [भारत में]अभी-अभी हुए हैं, भारत की एक नई सरकार बन रही है, और हमें उम्मीद है कि पूर्वी आर्थिक मंच के दौरान मेरे भारतीय समकक्ष और मैं इन योजनाओं को साकार करेंगे।"
मंत्री ने कहा, "रूस कई क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग कर रहा है, जिसमें निर्माण ठेकेदारों को आकर्षित करने पर काम करना भी शामिल है।"
इसके अलावा उन्होंने कहा कि "उत्तरी समुद्री मार्ग विकास योजना बंदरगाहों, टर्मिनलों और पहुंच मार्गों के निर्माण की योजना है। पोत निर्माण के मामले में, चीनी और भारतीय दोनों कंपनियां रुचि दिखा रही हैं। लेकिन भारत के पास बर्फ तोड़ कर तैरने वाले पोत बनाने का कोई अनुभव नहीं है। मुद्दों पर अभी भी काम चल रहा है।"
बता दें कि सितंबर 2023 में, भारत के बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा था कि भारत उत्तरी समुद्री मार्ग के विकास पर रूस के साथ सहयोग करने में रुचि रखता है। वहीं पिछले पूर्वी आर्थिक मंच के दौरान, चेकुनकोव ने कहा था कि नई दिल्ली ने मास्को के समक्ष भारतीय शिपयार्ड में गैर-परमाणु संचालित आइसब्रेकर के संयुक्त विकास का प्रस्ताव रखा था।
रूसी शहर सेंट पीटर्सबर्ग 5 से 8 जून तक SPIEF के 27वें संस्करण की मेजबानी कर रहा है। पिछले साल, इस फोरम में 130 देशों से 17,000 प्रतिभागी शामिल हुए थे और 900 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे।