शंघाई सहयोग संगठन ने शुक्रवार को "ऊर्जा सहयोग विकास की 2030 रणनीति" के मसौदे को स्वीकृति दे दी, जिसका उद्देश्य यूरेशियाई राज्यों के मध्य सहयोग को बढ़ावा देना है, एससीओ सचिवालय ने एक वक्तव्य में कहा।
इस रणनीति का उद्देश्य निर्यात मार्गों के विविधीकरण तथा हरित एवं उभरती प्रौद्योगिकियों में साझेदारी के माध्यम से सहयोग को बढ़ावा देना है।
"सभी पक्षों ने ऊर्जा उद्योग के विकास, इस क्षेत्र में परियोजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने हेतु निवेश और वित्तपोषण को आकर्षित करने की संभावनाओं पर चर्चा की," एससीओ के बयान में कहा गया।
इस दस्तावेज़ को 3 से 4 जुलाई को अस्ताना में होने वाले एससीओ नेताओं के शिखर सम्मेलन में औपचारिक स्वीकृति मिलने की आशा है।
बता दें कि जुलाई 2024 में कजाकिस्तान एससीओ में अपनी अध्यक्षता पूरी कर लेगा और इसे चीन को सौंप देगा।