जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने 30 जून को भारतीय सेना के 30वें सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया। जनरल द्विवेदी इस वर्ष फरवरी से उप सेनाध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे।
इससे पहले जनरल द्विवेदी भारतीय सेना की उत्तरी कमान के कमांडर थे। जनरल द्विवेदी को भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट की 18वीं बटालियन में 1984 में कमीशन मिला था।
जनरल द्विवेदी के पास भारतीय सेना की पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी तीनों की कमान में काम करने का बड़ा अनुभव है। उन्होंने रेगिस्तान, ऊंचे पहाड़ों, नदियों-जंगलों के क्षेत्रों और शहरी इलाक़ों में सैनिक अभियानों में भाग लिया है। आतंकवाद विरोधी अभियानों में उत्तर-पूर्व और जम्मू-कश्मीर दोनों ही स्थानों का अनुभव उनके पास है।
जनरल द्विवेदी का युद्धक्षेत्र में नई तकनीकों का अनुभव इस समय सेनाध्यक्ष का कार्यभार संभालने में बहुत सहायक होगा।
भारतीय सेना का तेज़ी से आधुनिकीकरण हो रहा है जिससे वह भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहे। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रही भारतीय सेना को विदेश से आयातित और देश में बने हथियारों के बीच संतुलन भी बनाना है। साइबर स्पेस, ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डायरेक्ट एनर्ज़ी वेपन जैसे लड़ाई के नए मैदानों में उतरने के लिए भी भारतीय सेना तैयार हो रही है।