मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने के तरीकों पर विचार करेंगे।
"भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में आगे बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान के क्षेत्र शामिल हैं," मोदी ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा।
उन्होंने आगे कहा, "मैं अपने मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने तथा विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करने के लिए उत्सुक हूं।"
"हम एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहायक भूमिका निभाना चाहते हैं। यह यात्रा मुझे रूस में जीवंत भारतीय समुदाय से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी," मोदी ने कहा।
बता दें कि प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है जो भारत-रूस के बीच समय परीक्षित दोस्ती के महत्व को दर्शाती है और यह भी बताती है कि दोनों देश आपसी संबंध को कितनी अहमियत देते हैं। रूस में अपना कार्यक्रम समाप्त करने के बाद मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे, जो 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी।