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भारत में मिसाइलों की बौछार रोकने की क्षमता है: वायुसेना प्रमुख

भारतीय वायुसेना के प्रमुख ने कहा है कि इज़रायल पर हुए हमलों जैसे मिसाइलों के हमले से बचाव की क्षमता भारत के पास है, लेकिन इतने बड़े क्षेत्र की सुरक्षा के लिए ऐसे सिस्टमों की संख्या बढ़ाने की ज़रूरत है। उन्होंने साथ ही कहा कि दुश्मन के क्षेत्र में इसी तरह के हमले करने की क्षमता भी भारतीय वायुसेना के पास है।
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वायुसेना दिवस से पहले नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना के एयर डिफेंस सिस्टम दुश्मन की तरफ़ से आने वाली मिसाइलों के बड़े हमले को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम हैं।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, "लेकिन हमारा क्षेत्रफल बहुत बड़ा है और इस पूरे क्षेत्र को दुश्मन के हमले से पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम की संख्या में वृद्धि करनी होगी।"
भारत अपने एयर डिफेंस के लिए अलग-अलग रेंज के कई एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग करता है। इसमें सबसे कम दूरी की यानि 6 किमी रेंज की इगला, 25 किमी दूरी तक हवाई हमले को नाकाम करने वाली आकाश, 70 किमी की रेंज वाली MRSAM और 300 किमी दूरी तक हवाई हमले को रोकने वाली S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की मिसाइलें हैं।
भारतीय वायुसेना प्रमुख ने कहा कि उन्नत स्वदेशी फाइटर जेट तेजस मार्क-1A की सप्लाई में देरी हो रही है लेकिन उन्हें जल्द उत्पादन सुचारू होने की आशा है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना अपने फ़ाइटर जेट स्क्वाड्रनों की संख्या 30 से कम नहीं होने देना चाहती।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने हर साल 24 जेट उत्पादन का वादा किया था जो पूरा होना चाहिए। भारतीय वायुसेना के मध्यम भार क्षमता के परिवहन ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की खरीदी की प्रक्रिया शुरू हो गई है और एयरक्राफ्ट निर्माताओं से प्रस्ताव मांगे गए हैं।
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