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भारत में निर्मित आकाश मिसाइल का जल्द ही अधिग्रहण करेगा आर्मेनिया: रिपोर्ट
भारत में निर्मित आकाश मिसाइल का जल्द ही अधिग्रहण करेगा आर्मेनिया: रिपोर्ट
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भारत आर्मेनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बनकर उभर रहा है। ताजा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आर्मेनिया भारत में बनाई गई सतह से हवा में मार करने वाली छोटी दूरी की आकाश (SAM) मिसाइल का अधिग्रहण कर सकता है।
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भारत आर्मेनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बनकर उभर रहा है। ताज़ा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आर्मेनिया भारत में बनाई गई सतह से हवा में मार करने वाली छोटी दूरी की आकाश (SAM) मिसाइल का अधिग्रहण कर सकता है।आकाश भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा निर्मित यह SAM प्रणाली हवाई हमलों से बचाने में सहायक है। इसके निर्माता के अनुसार आकाश वेपन सिस्टम (AWS) ग्रुप मोड या ऑटोनॉमस मोड में एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। इसमें बिल्ट-इन इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर मेज़र्स (ECCM) विशेषताएं हैं। यह पूरी हथियार प्रणाली एक मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म के ऊपर रखी जाती है।आकाश पलक झपकते ही 4 से 25 किलोमीटर की रेंज में हेलीकॉप्टर, लड़ाकू जेट और यूएवी को प्रभावी ढंग से मार गिरा सकता है। इसके अतिरिक्त इसमें लक्ष्य का पता लगाकर उसे नष्ट करने की सारी प्रणाली स्वचालित है।यह सक्रिय और निष्क्रिय जैमिंग के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है। इसे रेल या सड़क मार्ग से तेजी से ले जाया जा सकता है और शीघ्र ही नियुक्त किया जा सकता है।आर्मेनिया और भारत के मध्य एक रक्षा सौदा है जिसमें हथियारों और गोला-बारूद की बिक्री सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त आगे के सहयोग की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए आर्मेनिया ने नई दिल्ली में अपने दूतावास में एक रक्षा अताशे को नियुक्त किया है।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत ने आर्मेनिया को 2020 में स्वाति हथियार-पता लगाने वाली रडार प्रणाली बेची। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का हवाला देते हुए मीडिया ने बताया कि भारत फोर्ज की सहायक कंपनी, कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स ने आर्मेनिया को तोपखाने बंदूकों की आपूर्ति के लिए 155 मिलियन डॉलर का अनुबंध जीता।इसके अतिरिक्त हैदराबाद स्थित ज़ेन टेक्नोलॉजीज आर्मेनिया को 41.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की एंटी-ड्रोन प्रणाली की आपूर्ति कर रही है। ज़ेन एंटी-ड्रोन सिस्टम, एक काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम (CUAS), एक मल्टी-लेयर मल्टी-सेंसर आर्किटेक्चर है जो ड्रोन हमलों के विरुद्ध व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है।आर्मेनिया ने पिछले वर्ष की तुलना में अपने रक्षा निवेश को लगभग दोगुना कर दिया है।
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भारत में निर्मित आकाश मिसाइल का जल्द ही अधिग्रहण करेगा आर्मेनिया: रिपोर्ट
13:44 15.12.2023 (अपडेटेड: 13:47 15.12.2023) हाल के दिनों में भारत एक बड़े हथियार निर्यातक के रूप मे उभर रहा है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले छह वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात दस गुना बढ़ गया है।
भारत आर्मेनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बनकर उभर रहा है। ताज़ा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आर्मेनिया भारत में बनाई गई सतह से हवा में मार करने वाली छोटी दूरी की आकाश (SAM) मिसाइल का अधिग्रहण कर सकता है।
आकाश भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा निर्मित यह SAM प्रणाली हवाई हमलों से बचाने में सहायक है। इसके निर्माता के अनुसार आकाश वेपन सिस्टम (AWS) ग्रुप मोड या ऑटोनॉमस मोड में एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। इसमें बिल्ट-इन इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर मेज़र्स (ECCM) विशेषताएं हैं। यह पूरी हथियार प्रणाली एक मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म के ऊपर रखी जाती है।
आकाश पलक झपकते ही 4 से 25 किलोमीटर की रेंज में
हेलीकॉप्टर, लड़ाकू जेट और यूएवी को प्रभावी ढंग से मार गिरा सकता है। इसके अतिरिक्त इसमें लक्ष्य का पता लगाकर उसे नष्ट करने की सारी प्रणाली स्वचालित है।
यह सक्रिय और निष्क्रिय जैमिंग के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है। इसे रेल या सड़क मार्ग से तेजी से ले जाया जा सकता है और शीघ्र ही नियुक्त किया जा सकता है।
आर्मेनिया और भारत के मध्य एक
रक्षा सौदा है जिसमें हथियारों और गोला-बारूद की बिक्री सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त आगे के सहयोग की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए आर्मेनिया ने नई दिल्ली में अपने दूतावास में एक रक्षा अताशे को नियुक्त किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत ने आर्मेनिया को 2020 में स्वाति हथियार-पता लगाने वाली रडार प्रणाली बेची। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का हवाला देते हुए मीडिया ने बताया कि भारत फोर्ज की सहायक कंपनी, कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स ने आर्मेनिया को तोपखाने बंदूकों की आपूर्ति के लिए 155 मिलियन डॉलर का अनुबंध जीता।
इसके अतिरिक्त हैदराबाद स्थित ज़ेन टेक्नोलॉजीज
आर्मेनिया को 41.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की एंटी-ड्रोन प्रणाली की आपूर्ति कर रही है। ज़ेन एंटी-ड्रोन सिस्टम, एक काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम (CUAS), एक मल्टी-लेयर मल्टी-सेंसर आर्किटेक्चर है जो ड्रोन हमलों के विरुद्ध व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है।
आर्मेनिया ने पिछले वर्ष की तुलना में अपने रक्षा निवेश को लगभग दोगुना कर दिया है।