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तुशील युद्धपोत ने रूस में अंतिम परीक्षण पास कर लिया, भारतीय नौसेना के लिए तैयार: सूत्र

रूस के यांतर शिपयार्ड में बन रहे तलवार क्लास के तीसरे बैच का पहला युद्धपोत तुशील पूरी तरह तैयार हो चुका है। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिसंबर के पहले सप्ताह में रूस जाकर तुशील को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल करेंगे।
Sputnik
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने Sputnik India को बताया है कि तुशील ने रूस में अंतिम चरण के परीक्षण पूरे कर लिए हैं।

इस जंगी जहाज़ को रूसी शिपयार्ड से लेने से पहले के अंतिम परीक्षण यानी Delivery acceptance trials पूरे करने के लिए वहां गया भारतीय नौसेना का दल वापस भारत आ चुका है। सूत्रों ने बताया है कि तुशील सभी परीक्षणों पर खरा उतरा है।

इस गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट को ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस किया गया है, जिससे इसे दुश्मन के जहाज़ों और ज़मीनी ठिकानों पर हमला करने की जबरदस्त ताक़त मिलती है। तलवार क्लास के एक फ्रिगेट आईएनएस तलवार में भी हाल ही में ब्रह्मोस मिसाइलें लगा दी गई हैं।
दुश्मन की सबमरीन का मुकाबला करने के लिए जहाज़ में एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगाए गए हैं। समुद्र की सतह पर नज़र रखने के लिए लगाए गए रडार और पानी के अंदर तलाश करने के लिए लगाए गए सोनार अत्याधुूनिक हैं। जहाज़ में लगा कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम हर हथियार को कम समय में और कारगर ढंग से इस्तेमाल करने में मदद करता है।
2016 में भारत और रूस के बीच चार तेग क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने के लिए समझौता हुआ था जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनाए जाने थे। भारत में फ्रिगेट्स का निर्माण गोवा शिपयार्ड में हो रहा है जिसमें रूस तकनीकी सहायता दे रहा है। गोवा स्थित गोवा शिपयार्ड में बनने वाले जंगी जहाज़ों में से पहले त्रिपुट को जुलाई में समुद्री परीक्षणों के लिए पानी में उतार दिया गया है। त्रिपुट के सभी समुद्री परीक्षण अगले दो साल में पूरे होने की संभावना है।
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