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विशेषज्ञ से जानें भारत-पाकिस्तान के बीच सूचना युद्ध कैसे ले रहा है आकार?

किसी भी तरह के दो देशों के बीच के संघर्ष में सूचना एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है और यहां भी भारत पाकिस्तान के मध्य सूचना को लेकर अलग अलग प्रकार के दावे किए जा रहे हैं जिससे इसके विवरण को अपने पक्ष में किया जा सके।
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भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बढ़ने के साथ साथ सूचना को लेकर भी दोनों देश संघर्ष की स्थिति में पहुंच रहे हैं। Sputnik इंडिया ने इस विषय की विशेषज्ञ और शोध करने वाले जानकारों से इस संघर्ष के बढ़ने का विश्लेषण किया।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा किए गए नरसंहार में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसी बीच दोनों देशों के मध्य सूचना को लेकर जंग छिड़ चुकी है।
हाल के दिनों में देखा जाए तो पाकिस्तानी सोशल मीडिया चैनलों ने भारतीय वायु सेना (IAF) के राफेल विमान को मार गिराए जाने का दावा किया। वहीं बुधवार को एक्स पर भारतीय हैंडल ने भारत के आकाश रक्षक बल द्वारा पाकिस्तान वायु सेना (PAF) के F-16 को मार गिराए जाने के बारे में गलत सूचना प्रसारित की गई।
इसके अलावा दोनों देशों के बारे में सेना के अधिकारियों को हटाए जाने या बर्खास्त किए जाने और सशस्त्र बलों की गतिविधियों के बारे में भी गलत सूचना फैलाई जा रही हैं।
सोशल मीडिया साइट X पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर के सार्वजनिक रूप से गायब होने के साथ-साथ उनकी बारे में तमाम अटकलों से भरा हुआ था। जैसे की वह MIA ​​(कार्रवाई में लापता) हो गए, हैशटैग #MunirOut ने प्लेटफार्म पर पकड़ बना रखी है।
मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान की शोध विश्लेषक नमिता बर्थवाल ने Sputnik इंडिया को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सूचना युद्ध की स्थिति लगातार बन रही है, जहां सोशल मीडिया का इस्तेमाल विकृत तथ्यों का उपयोग करके जनमत को आकार देने के लिए हथियार के रूप में किया जा रहा है और पहलगाम हमले के बाद, दोनों पक्ष मनोवैज्ञानिक लाभ प्राप्त करने के लिए नैरेटिव आगे बढ़ा रहे हैं।
शोध विश्लेषक नमिता बर्थवाल ने बताया, "भारत का नैरेटिव मुख्य रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने पर केंद्रित है। दूसरी ओर, पाकिस्तान संलिप्तता से इनकार करता है और भारत द्वारा कार्रवाई किए जाने पर जवाबी कार्रवाई की धमकी देता है। इस रणनीति का उद्देश्य घरेलू समर्थन जुटाना है। भारत द्वारा दंडात्मक कूटनीतिक उपायों की घोषणा के बाद से ही पाकिस्तान चौंकाने वाले दावे कर रहा है, जो संभवतः पाकिस्तान के व्यापक प्रचार तंत्र का हिस्सा है।"
नमिता बर्थवाल कहती हैं कि ऐसी नाटकीय घोषणाओं का उद्देश्य समय और हवा को अपने पक्ष में करने का प्रयास है। इसके अलावा देखा जाए तो पाकिस्तानी मंत्री द्वारा 2 बजे रात को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आसन्न भारतीय सैन्य कार्रवाई का दावा करना नैरेटिव को नियंत्रित करने, घरेलू भावनाओं को भड़काने और पाकिस्तान को पहले से ही पीड़ित के रूप में चित्रित करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा, "यह क्लासिक सूचना युद्ध और मनोवैज्ञानिक ऑपरेशन (PSYOPS) के अंतर्गत आता है, जहां अतिशयोक्ति, भय फैलाने और गलत सूचना का उपयोग जनता की राय और अंतर्राष्ट्रीय धारणा को प्रभावित करने के लिए किया जाता है।"
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