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पहलगाम क्यों बना आतंक का निशाना? जानिए सुरक्षा विशेषज्ञ की राय

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Sputnik India Podcast - Sputnik भारत, 1920, 23.04.2025
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भारत में कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में 26 से अधिक लोग मारे गए जिसमें सबसे अधिक पर्यटक थे। इस हमले की सूचना मिलते ही स्थिति का जायज़ा लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर गए जहां उन्होंने पीड़ितों को श्रद्धांजली भी दी।
इस हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की अपनी दो दिन की यात्रा को बीच में ही छोड़ कर बुधवार सुबह देश वापस आ गए और तब से राजधानी दिल्ली में मीटिंग का दौर चल रहा है।
वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी के साथ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा आज होने वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में इस मुद्दे पर और विस्तार से चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम जिले में हुए आतंकवादी हमले को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा कश्मीर को लेकर दिए गए बयान से जुड़ा माना जा रहा है, उन्होंने अपने बयान में कश्मीर को "गले की नस" बताया था।
16 अप्रैल को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल मुनीर ने कश्मीर के बारे में कहा, "हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है, यह हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस रहेगी, हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे।"
दो दशकों में इस सबसे भीषण हमले को लेकर Sputnik इंडिया ने कश्मीर में कई वर्षों तक अपनी सेवा दे चुके भारतीय सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत डी पी पांडे से बात कर इस हमले के कारणों को जानने की कोशिश की।
पाकिस्तानी जनरल के बयान के बारे में जनरल पांडे कहते हैं कि असीम मुनीर को हम जिम्मेदार ठहराए या नहीं, क्योंकि उनके बयान न देने के बाद भी इस तरह का आतंकवादी हमला होता। इस हमले के जरिए कहीं न कहीं कश्मीर के पर्यटन को बंद करने की कोशिश की है जिससे कश्मीर के लोगों की आर्थिक स्थिती को बिगाड़ा जा सके और वह फिर से हथियार उठाने पर मजबूर हो सकें।

सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया, "पहलगाम को इसलिए चुना गया क्योंकि यह पर्यटक केंद्र है, सुरक्षा बलों के रिएक्ट करने की संभावना का है। यहाँ हमला करना आसान है आस पास घना जंगल है, इस जगह पर हमला करके भागा जा सकता है। कुछ बड़ी वजह से यह हमला किया गया क्योंकि एक महीने में अमारनाथ यात्रा शुरू होने वाली है और आपने इस हमले से हिंदुओं को एक संदेश देने कि कोशिश की है, कि वे लोग पर्यटन के लिए ना आयें।"

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) डी पी पांडे से इस हमले के बारे में और इस हमले को पाकिस्तानी सेना के जनरल असीम मुनीर के बयान से जोड़े जाने पर उनसे प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह इसे असीम मुनीर के बयान से नहीं जोड़ते हैं क्योंकि उनके स्ट्रेटेजिक कॉमीनिटी की यही लाइन है कि उनको लगातार हमला करते रहना है।

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने बताया, "आर्टिकल 370 के बाद, ऐसा सबको लगने लगा था कि अब सब ठीक ठाक है, और यह पुश बैक है, फाइट बैक है, और यह जो हमला हुआ है, यह आने वाला था, और यह अगर कोई कहता है कि किसी को पता नहीं था, तो यह बहुत बड़ी गलतफहमी है। हम तैयार नहीं थे इसकें शक की कोई बात नहीं है।"

लोगों को उनके धर्म के बारे में पूछकार मारे जाने पर जनरल कहते हैं कि कपड़े उतारकर हिन्दू मुस्लिम की पहचान करना इस बात की ओर इंगित करता है कि देश के बाकी हिस्सों में खासतौर से कश्मीरीयों के और या किसी खास मजहब के लोगों के खिलाफ दंगा फसाद किया जा सके।

भारत के पास इस हमले के जवाबी विकल्पों के बारे में बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने बताया, " देश के पास कई विकल्प हैं और पिछले जितने भी जवाब दिए गए उन सभी में भारत का 100 प्रतिशत रिकार्ड रहा है क्योंकि हमारे लोग हमले के बाद सकुशल वापस आ गए। लेकिन इस बार यह एक बहुत बड़ी चुनौती होगी की आप किस तरह, किसी भी तरह का जवाब देंगे।

Paramilitary soldiers stands guard  near Pahalgam on April 22, 2025 in Anantnag, India. Over 20 people, mainly tourists, were killed and many injured in a terrorist attack in Pahalgam in Jammu and Kashmir's Anantnag district this afternoon. The attack was launched in the Baisaran forest area of Pahalgam, around 85 kilometres from Srinagar headquarters. (Photo by Waseem Andrabi/Hindustan Times via Getty Images) - Sputnik भारत, 1920, 23.04.2025
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