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एस-400 मिसाइलों की नहीं होगी कमी, रूस से आएगी नई खेप: सूत्र

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य टकराव के दौरान रूस से खरीदे गए एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 ने पूरी पश्चिमी सीमा पर एक ऐसी ढाल बना दी जिसे दुश्मन के सैकड़ों ड्रोन और मिसाइल भेदने में नाकामयाब रहे। इस टकराव के आगे खिंचने पर भी भारत को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की मिसाइलों की कोई कमी नहीं होगी।
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उच्च पदस्थ सूत्रों ने Sputnik India को बताया है कि भारत ने रूस से एस-400 की अतिरिक्त मिसाइलें मांगी हैं ताकि हाल ही में प्रयोग हुई मिसाइलों से भंडार में हुई कमी को पूरा किया जा सके।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि रूस बहुत जल्द इस कमी को पूरा कर देगा।
भारत ने रूस से 2018 में हुए समझौते में लगभग 40000 करोड़ रुपए में एस-400 की पांच स्क्वाड्रन का सौदा किया था। इनमें से तीन स्क्वाड्रन भारतीय वायुसेना को मिल चुकी हैं। इनमें से एक को सिलीगुड़ी कॉरिडोर, दूसरी को पठानकोट के पास और तीसरी को दक्षिण राजस्थान में तैनात किया गया है।
पठानकोट के पास तैनात एस-400 की स्क्वाड्रन ने जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब तक की पूरी सीमा को किसी भी हवाई हमले के लिए अभेद्य बना दिया है। राजस्थान और गुजरात में किए गए अनगिनत हवाई हमलों को राजस्थान में तैनात एस-400 की स्क्वाड्रन में बहुत कुशलता से रोक लिया।
7-8 मई की रात ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए थे। जिसके जवाब में भारत ने 8 मई की सुबह पाकिस्तान के लाहौर और रावलपिंडी सहित कई महत्वपूर्ण जगहों पर एयर डिफेंस और रडार स्टेशनों पर हमले कर उन्हें तबाह कर दिया था।
8 और 9 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान ने लद्दाख से लेकर गुज़रात तक रात 8 बजे से रात 11 बजे तक ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए। सैकड़ों की तादाद में पाकिस्तान की तरफ़ से आने वाले इन हमलों को एस-400 और दूसरे एयर डिफेंस सिस्टम का प्रयोग कर पूरी तरह विफल कर दिया गया।
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