इस तरह के सौदों को कम समय में पूरा करना होगा ताकि सेना को अपनी कार्रवाई के लिए आवश्यक उपकरण तुरंत मिल सकें। ये सभी उपकरण आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में लगे सैनिकों को ज्यादा चौकस रहने, गतिशील रहने, सुरक्षा देने और अधिक प्रहारक शक्ति देने में काम आएंगे।
हालांकि रक्षा मंत्रालय ने यह साफ़ नहीं किया कि ये उपकरण किस तादाद में आएंगे और कब तक सेना को मिलने प्रारंभ होंगे। उपकरण मुख्य रूप से आधुनिक युद्धशैली में काम आने वाली अत्याधुनिक और जटिल तकनीक के हैं साथ ही यह सभी स्वदेशी हैं।
इन सौदों में ड्रोन हमलों का मुक़ाबला करने के लिए इंटिग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन और इंटरसेप्शन सिस्टम (IDDIS), कम ऊंचाई पर काम करने वाले हल्के रडार (LLLR), कम दूरी तक हवाई हमलों को रोकने वाले सिस्टम (VSHORADS) के लांचर और मिसाइल, विभिन्न प्रकार के ड्रोन (RPAVs) और ऐसे लायटरिंग म्यूनिशन (VTOL) भी शामिल हैं जिनमें सीधे उड़ान भरने की क्षमता है।
इसके अलावा, बुलेट प्रूफ़ जैकेट, हेल्मेट, नाइट विज़न और तुरंत कार्रवाई करने में काम आने वाली हल्की गाड़ियां खरीदी जाएंगी।