भारत-रूस संबंध
मॉसको-दिल्ली रिश्तों की दैनिक सूचना। चिरस्थायी संबंधों को गहराई से देखें!

भारत और रूस के बीच के रक्षा सहयोग की कुछ मुख्य बुनियादें

भारत-रूस के संबंध किसी से छिपे नहीं है जिसका इतिहास दशकों पुराना है, दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध प्रमुख रणनीतिक सहयोगों से आज के समय में पहले से कहीं अधिक मजबूत हुए हैं।
Sputnik
Sputnik India इस शक्तिशाली साझेदारी को आकार देने वाली सबसे महत्वपूर्ण रक्षा परियोजनाओं के बारे में बता रहा है।
S-400 वायु रक्षा प्रणाली
एस-400 वायु रक्षा प्रणाली भारत का रक्षक देवदूत है, जो 2 किमी से 400 किमी की दूरी तक के किसी भी प्रकार के हवाई हमले को रोकने में सक्षम है।
ब्रह्मोस मिसाइल
दुनिया की सबसे तेज़ मिसाइलों में से एक, मैक 3 की गति वाली ब्रह्मोस भारत और रूस का साझा उपक्रम है, जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर है।

इसे ज़मीन, हवा, समुद्र या सतह के नीचे से छोड़ा जा सकता है, इसकी सटीकता बेजोड़ है।
SU-30 MKI जेट
SU-30MKI भारतीय वायु सेना की जान है जो भारत के लड़ाकू जेट बेड़े की रीढ़ हैं, यह ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य उन्नत स्वदेशी हथियारों को ले जाने में सक्षम हैं।

कॉकपिट एक अत्याधुनिक मिशन नियंत्रण कंप्यूटर से लैस है जो पायलटों को सहज होने में मदद देता है।
इग्ला-एस मिसाइल प्रणाली
एक व्यक्ति या चालक दल द्वारा दागे जाने वाली इग्ला-एस मानव-पोर्टेबल एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल प्रणाली सभी प्रकार के विमानों और हेलीकॉप्टरों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
T-72 टैंक
भारत के पास लगभग 2,500 ऐसे टैंक हैं। यह 125 मिमी की मुख्य तोप, एक एंटी-एयरक्राफ्ट तोप और एक मशीन गन से लैस है।

यह 60 किमी/घंटा की गति से चलने में सक्षम है। टी-72 टैंक अत्यधिक विश्वसनीय माने जाते हैं और इनकी मांग ज़ोरदार है।
AK-203 राइफल
एके-203 राइफल प्रतिष्ठित रूसी AK-47 का आधुनिक संस्करण है।

यह राइफल हल्की है, इसमें मिश्रित सामग्री से बनी मैगज़ीन दी गई है, जो इसे उष्णकटिबंधीय वातावरण के लिए उपयुक्त बनाती है।
डिफेंस
ब्रह्मोस इंजन के भारत में उत्पादन पर चर्चा जारी: रक्षा सूत्र
विचार-विमर्श करें