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मिग-21 की अंतिम स्क्वाड्रन बनेगी नए तेजस मार्क1A की पहली स्क्वाड्रन

बीकानेर के नाल एयरबेस में नियुक्त भारतीय वायुसेना के मिग-21 की अंतिम स्क्वाड्रन नंबर तीन स्क्वाड्रन "कोबरा" स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस मार्क 1A की पहली स्क्वाड्रन बनेगी। वायुसेना के सूत्रों ने Sputnik India को बताया है कि मिग-21 की अंतिम दो बटालियन कोबरा और नंबर-23 पैंथर्स को नंबर प्लेट कर दिया जाएगा।
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उनमें से कोबरा को सबसे पहले आने वाले तेजस मार्क 1A के साथ पुनर्जीवित किया जाएगा। 6 दशकों की उत्कृष्ठ सेवा के बाद भारतीय वायुसेना के मिग-21 सितंबर में सेवा से सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

जब किसी स्क्वाड्रन के वायुयान की सेवा समाप्त हो जाती है और उसे मात्र दस्तावेज़ों में नंबर के साथ दर्ज किया जाता है तो उसे नंबर प्लेट होना कहते हैं। बाद में उसे किसी नए एयरक्राफ्ट के साथ पुनर्जीवित किया जाता है। मिग-21 की अंतिम स्क्वाड्रन कोबरा को अपग्रेडेड मिग-21 की पहली स्क्वाड्रन होने का गौरव भी प्राप्त है। वर्ष 2001 में मिग-21 को अपग्रेड करके उन्हें मिग-21 बायसन नाम दिया गया था।

भारतीय वायुसेना को पिछले वर्ष से ही नए और आधुनिक तेजस मार्क 1A मिलने प्रारंभ होने थे पर अमेरिका से इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण इनका मिलना अभी तक रुका हुआ है। अब अमेरिका से इंजन आने प्रारंभ हो चुके हैं और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सूत्रों के अनुसार संभावना है कि इस वर्ष तक इतने तेजस 1A हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से मिल जाएंगे कि उनसे एक स्क्वाड्रन बनाई जा सके।
भारतीय वायुसेना में मिग-21 का सम्मिलित होना 1963 से प्रारंभ हुआ था। सोवियत संघ से हुए समझौते के बाद भारतीय वायुसेना में कुल 1200 से भी अधिक मिग-21 समाविष्ट किए गए थे। सोवियत संघ के संपूर्ण तकनीक स्थानांतरण के उपरांत 840 मिग-21 का निर्माण भारत में हुआ था।
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