संयुक्त अरब अमीरात उन देशों में शामिल है जिन्हें सबसे पहले ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात पर भारत और रूस ने स्वीकृति दी थी। UAE के साथ ब्रह्मोस के निर्यात की बातचीत लंबे समय से चल रही है।
UAE अपने समुद्र तटों की सुरक्षा के साथ-साथ युद्धपोतों पर लगाई जाने वाली ब्रह्मोस को खरीदने का इच्छुक है। हालांकि UAE की रुचि 295 किमी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस के अतिरिक्त ज्यादा लंबी दूरी तक पहुंचने वाली ब्रह्मोस में है।
17 से 21 नवंबर तक चलने वाले दुबई एयर शो में भारत ने अपने पहले स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस के अतिरिक्त ब्रह्मोस मिसाइल को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया है।
ब्रह्मोस का विकास और उत्पादन भारत और रूस साथ मिलकर करते हैं। ब्रह्मोस का प्रयोग भारतीय नौसेना, थल सेना और वायुसेना तीनों ही करती हैं। प्रारंभिक तौर पर 295 किमी की रेंज वाली ब्रह्मोस की रेंज को 450 किमी और 800 किमी तक बढ़ाया जा चुका है।