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ब्रह्मोस सौदे पर संयुक्त अरब अमीरात से चर्चा तेज़: सूत्र
ब्रह्मोस सौदे पर संयुक्त अरब अमीरात से चर्चा तेज़: सूत्र
Sputnik भारत
ज़मीन, आसमान और समुद्र तीनों से ही शत्रु पर घातक वार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस के संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को निर्यात पर चर्चा आगे बढ़ रही है।... 19.11.2025, Sputnik भारत
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संयुक्त अरब अमीरात उन देशों में शामिल है जिन्हें सबसे पहले ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात पर भारत और रूस ने स्वीकृति दी थी। UAE के साथ ब्रह्मोस के निर्यात की बातचीत लंबे समय से चल रही है। 17 से 21 नवंबर तक चलने वाले दुबई एयर शो में भारत ने अपने पहले स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस के अतिरिक्त ब्रह्मोस मिसाइल को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया है।ब्रह्मोस का विकास और उत्पादन भारत और रूस साथ मिलकर करते हैं। ब्रह्मोस का प्रयोग भारतीय नौसेना, थल सेना और वायुसेना तीनों ही करती हैं। प्रारंभिक तौर पर 295 किमी की रेंज वाली ब्रह्मोस की रेंज को 450 किमी और 800 किमी तक बढ़ाया जा चुका है।
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भारत, रूस , संयुक्त अरब अमीरात, भारतीय सेना, भारतीय सशस्त्र सेनाएँ, भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना, ब्रह्मोस , तेजस जेट, लड़ाकू विमान मिग-29
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ब्रह्मोस सौदे पर संयुक्त अरब अमीरात से चर्चा तेज़: सूत्र
ज़मीन, आसमान और समुद्र तीनों से ही शत्रु पर घातक वार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस के संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को निर्यात पर चर्चा आगे बढ़ रही है। Sputnik India को मिली जानकारी के अनुसार दुबई एयर शो के बाद इस सौदे पर निर्णायक बातचीत की संभावना है।
संयुक्त अरब अमीरात उन देशों में शामिल है जिन्हें सबसे पहले ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात पर भारत और रूस ने स्वीकृति दी थी। UAE के साथ ब्रह्मोस के निर्यात की बातचीत लंबे समय से चल रही है।
UAE अपने समुद्र तटों की सुरक्षा के साथ-साथ युद्धपोतों पर लगाई जाने वाली ब्रह्मोस को खरीदने का इच्छुक है। हालांकि UAE की रुचि 295 किमी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस के अतिरिक्त ज्यादा लंबी दूरी तक पहुंचने वाली ब्रह्मोस में है।
17 से 21 नवंबर तक चलने वाले दुबई एयर शो में भारत ने अपने पहले
स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस के अतिरिक्त ब्रह्मोस मिसाइल को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया है।
ब्रह्मोस का विकास और उत्पादन भारत और रूस साथ मिलकर करते हैं। ब्रह्मोस का प्रयोग भारतीय नौसेना, थल सेना और वायुसेना तीनों ही करती हैं। प्रारंभिक तौर पर 295 किमी की रेंज वाली ब्रह्मोस की रेंज को 450 किमी और 800 किमी तक बढ़ाया जा चुका है।
अब ब्रह्मोस की अगली पीढ़ी यानि ब्रह्मोस-एनजी के विकास का कार्य चल रहा है। ब्रह्मोस की यह नई पीढ़ी भार में 1.5 टन तक की हो सकती है और इसकी रेंज 1200 किमी तक हो सकती है। इतने कम भार के कारण यह ब्रह्मोस भारतीय वायुसेना के मिग-29 के अतिरिक्त स्वदेशी जेट तेजस में भी लगाई जा सकेगी।