यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

क्रेमलिन पर ड्रोन हमले के कारण यूक्रेन आतंकवाद प्रायोजितकर्ता देशों में से एक है

© AFP 2023
 - Sputnik भारत, 1920, 11.05.2023
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बेलग्रेड (Sputnik) - मई की शुरुआत में क्रेमलिन पर ड्रोन हमला एक आतंकवादी हमले का प्रयास था, जिसके कारण यूक्रेन ने खुद को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश बना लिया है, रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा।

"हमने वास्तव में देखा था कि मास्को के क्रेमलिन पर दो ड्रोनों की मदद से हमला करने का प्रयास किया गया था। यहां रूसी राष्ट्रपति का निवास है, और हम वास्तव में इस हमले को रूसी राज्य के प्रमुख पर आतंकवादी हमले के प्रयास के रूप में मानते हैं," पेसकोव ने रिपब्लिका सर्पस्का, बोस्निया और हर्जेगोविना के ATV चैनल के साथ साक्षात्कार में बताया।

इससे पहले क्रेमलिन ने कहा था कि तीन मई को यूक्रेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के क्रेमलिन निवास पर दो ड्रोनों की मदद से हमला करने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें नष्ट किया गया था। कोई हताहत या नुकसान नहीं हुआ था। पेसकोव ने बाद में Sputnik को बताया कि उस समय पुतिन क्रेमलिन में नहीं थे।
A general view shows the Soviet era skyscraper on Kotelnicheskaya Embankment of the Moskva river, Foreign ministry headquarters, Radisson Royal Hotel Moscow, the Christ the Savior cathedral and the Kremlin, with the Moscow International Business Centre, also known as Moskva-City, seen in te background, in Moscow, Russia - Sputnik भारत, 1920, 04.05.2023
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यूक्रेन संकट में नाटो की भागीदारी पर

पेस्कोव ने कहा कि नाटो कीव के पक्ष में यूक्रेनी संकट में सीधे तौर पर शामिल है।

"यह कल्पना करना कठिन था कि नाटो के सदस्य, अमेरिका, यूरोपीय देश सब से पहले अप्रत्यक्ष रूप से, और फिर सीधे तौर पर इस संकट में सम्मिलित होंगे। अब नाटो यूक्रेन के पक्ष में इस संघर्ष में वास्तविक तौर पर भाग लेता है। और आप स्वयं हथियारों, गोला-बारूद, सैन्य सामग्रियों, वित्तीय संसाधनों की बड़ी आपूर्ति के बारे में जानते हैं... सब से पहले साधारण मिसाइलें, फिर ज्यादा लंबी दूरी की और अधिक शक्तिशाली मिसाइलें थीं," पेसकोव ने उस साक्षात्कार में कहा।

उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन की सैन्य क्षमता की तुलना करना बहुत कठिन है।
“रूसी इतने धीरे से क्यों चल रहे हैं? क्योंकि रूस युद्ध नहीं चला रहा है, हम युद्ध नहीं चला रहे हैं। युद्ध चलाना पूरी तरह से अलग बात है, यह बुनियादी ढांचे, शहरों आदि का पूर्ण विनाश है। हम यह नहीं करते। हम बुनियादी ढांचे को बचाने पर काम करते हैं और लोगों की जान बचाने की कोशिश करते हैं," पेसकोव ने कहा।
क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्य रूप से डोनबास के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शुरू किए गए, यूक्रेन में रूसी विशेष सैन्य अभियान के लक्ष्यों को आंशिक रूप से पूरा किया गया है।
"शुरुआती दौर में यानी पिछले साल 24 फरवरी को, रूसी राष्ट्रपति [व्लादिमीर पुतिन] ने कहा था कि सबसे पहले डोनबास में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए। उन लोगों ने आठ सालों के दौरान अपने ही राज्य की ओर से गोलीबारी का सामना किया था। उस गोलाबारी का सामना किया था जिसको पश्चिम ने नजरअंदाज करने का फैसला किया था," पेसकोव ने बताया।
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'हार मानने के लिए बहुत मजबूत'

रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने बताया कि पश्चिमी गलतियों ने रूस को यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान शुरू करने पर विवश किया था।

पेस्कोव ने उस चैनल से कहा, "पश्चिमी देशों ने बहुत से बुरे कार्य किए थे और बहुत गलतियां की थीं, और इस तरह रूस को अपना विशेष सैन्य अभियान शुरू करने पर विवश किया गया था।"

उन्होंने यह भी कहा कि "सोवियत संघ के पतन के बाद पश्चिमी देशों ने हमें धोखा दिया था, उन्होंने नाटो के विस्तार की छह लहरें भी आयोजित कीं।"
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पेसकोव ने कहा कि यह नाटो का विस्तार ही नहीं था,बल्कि यह रूसी सीमाओं की ओर नाटो के सैन्य बुनियादी ढांचे का विस्तार भी था।
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