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'नाटो द्वारा घोषित' युद्ध: यूक्रेन संकट और पश्चिमी 'आधिपत्य' पर इरिट्रिया के राष्ट्रपति
'नाटो द्वारा घोषित' युद्ध: यूक्रेन संकट और पश्चिमी 'आधिपत्य' पर इरिट्रिया के राष्ट्रपति
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इरिट्रिया अमेरिका और नाटो के आधिपत्य के खिलाफ खड़ा है, जो देशों को दंडित करते हैं जो उनकी विचारधारा को साझा नहीं करते, यूक्रेन संकट नाटो से घोषित वाशिंगटन के नेतृत्व में युद्ध है।
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इरिट्रिया अमेरिका और नाटो के "आधिपत्य" के खिलाफ खड़ा है, जो यूक्रेन संकट के मामले सहित उस देशों को दंडित करते हैं जो उनकी विचारधारा को साझा नहीं करते, और यूक्रेन संकट "नाटो द्वारा घोषित और वाशिंगटन के नेतृत्व में युद्ध" ही है, Sputnik अफ्रीका के साथ विशेष साक्षात्कार में इरिट्रिया के राष्ट्रपति इसाईस अफवेर्की ने कहा।इरिट्रिया के राष्ट्रपति के अनुसार, अमेरिका के साथ "प्रतिस्पर्धा करने” में सक्षम राज्यों पर अमेरिका द्वारा नियंत्रण करने पर आधारित विश्व व्यवस्था किसी के लिए लाभप्रद नहीं है।इरिट्रिया के राष्ट्रपति का मानना है कि शीत युद्ध की समाप्ति के बाद 30 वर्षों तक अमेरिकी नियंत्रण की नीति रूस पर केंद्रित थी, जब "हर किसी चीज और हरेक व्यक्ति पर नियंत्रित करने, दुनिया को प्रभावित करने, दुनिया को प्रभाव के क्षेत्रों में विभाजित करने" का विचार सामने आया था।अमेरिका और नाटो ने रूस पर नियंत्रण की अपनी नीति के संदर्भ में मास्को के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की थी, अफवेर्की ने कहा।अफवेर्की ने कहा कि यह पश्चिमी दृष्टिकोण यूक्रेन संकट का कारण बन गया है और रूस और यूक्रेन के बीच विवाद "वाशिंगटन के नेतृत्व में नाटो द्वारा घोषित युद्ध" ही है।अफवेर्की ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज का संकट क्षेत्रीय ही नहीं, वैश्विक भी है।राष्ट्रपति के अनुसार, रूस को खुद की रक्षा करने का अधिकार है, "हर किसी को साझा करने, सहयोग करने में सक्षम करने वाली विश्व व्यवस्था” की रक्षा करने के लिए अन्य देशों के साथ काम करने का अधिकार है, जिसका समर्थन इरिट्रिया करता है।इस अभियान के शुरू होने के एक साल बाद, इरिट्रिया ने संयुक्त राष्ट्र के एक और प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया, जिसमें वह मांग सम्मिलित थी कि रूस को तुरंत लड़ाई को रोकना और यूक्रेन से अपने सैनिकों को वापस लेना चाहिए।2014 में इरिट्रिया अपने विदेश मंत्री को क्रीमिया भेजने वाला पहला देश था, जब इस प्रायद्वीप के लोगों ने रूस में सम्मिलित होने का निर्णय किया था।
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रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन, इरित्रिया के राष्ट्रपति, इरिट्रिया के राष्ट्रपति, अमेरिका की नीति, इरिट्रिया के राष्ट्रपति इसाईस अफवेर्की, मास्को के खिलाफ युद्ध, मास्को के खिलाफ पश्चिमी युद्ध, नई विश्व व्यवस्था, देशों पर अमेरिकी नियंत्रण, देशों पर अमेरिकी दबाव, क्रीमिया रूस का हिस्सा, यूक्रेन युद्ध
रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन, इरित्रिया के राष्ट्रपति, इरिट्रिया के राष्ट्रपति, अमेरिका की नीति, इरिट्रिया के राष्ट्रपति इसाईस अफवेर्की, मास्को के खिलाफ युद्ध, मास्को के खिलाफ पश्चिमी युद्ध, नई विश्व व्यवस्था, देशों पर अमेरिकी नियंत्रण, देशों पर अमेरिकी दबाव, क्रीमिया रूस का हिस्सा, यूक्रेन युद्ध
'नाटो द्वारा घोषित' युद्ध: यूक्रेन संकट और पश्चिमी 'आधिपत्य' पर इरिट्रिया के राष्ट्रपति
विशेष
इरिट्रिया के राष्ट्रपति ने मास्को की अपनी हाल की यात्रा के बाद वैश्विक मुद्दों पर बड़ा साक्षात्कार दिया। मास्को में उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की थी और उन्हें दूसरे रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था।
इरिट्रिया अमेरिका और नाटो के "आधिपत्य" के खिलाफ खड़ा है, जो यूक्रेन संकट के मामले सहित उस देशों को दंडित करते हैं जो उनकी विचारधारा को साझा नहीं करते, और यूक्रेन संकट "नाटो द्वारा घोषित और वाशिंगटन के नेतृत्व में युद्ध" ही है, Sputnik अफ्रीका के साथ विशेष साक्षात्कार में इरिट्रिया के राष्ट्रपति इसाईस अफवेर्की ने कहा।
इरिट्रिया के राष्ट्रपति के अनुसार, अमेरिका के साथ "प्रतिस्पर्धा करने” में सक्षम राज्यों पर
अमेरिका द्वारा नियंत्रण करने पर आधारित विश्व व्यवस्था किसी के लिए लाभप्रद नहीं है।
"कल या परसों नहीं, लेकिन हमने कहा था कि यह उस तरह की विश्व व्यवस्था नहीं है जिसकी सभी महाद्वीपों के लोगों को जरूरत है। किसी को इस तरह की नीति, आधिपत्य, नियंत्रण की जरूरत नहीं है जो लोगों को अपने जीवन की गुणवत्ता को बदलने का प्रयास करने के लिए विकास करने और बहुत से काम करने नहीं देते हैं," अफवेर्की ने इस पर जोर करते हुए कहा कि इरिट्रिया भी इस पश्चिमी दृष्टिकोण का शिकार था।
इरिट्रिया के राष्ट्रपति का मानना है कि
शीत युद्ध की समाप्ति के बाद 30 वर्षों तक अमेरिकी नियंत्रण की नीति रूस पर केंद्रित थी, जब "हर किसी चीज और हरेक व्यक्ति पर नियंत्रित करने, दुनिया को प्रभावित करने, दुनिया को प्रभाव के क्षेत्रों में विभाजित करने" का विचार सामने आया था।
अमेरिका और नाटो ने रूस पर नियंत्रण की अपनी नीति के संदर्भ में मास्को के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की थी, अफवेर्की ने कहा।
"शीत युद्ध के दौर के कारण, रूस को नियंत्रित करने का यह [पश्चिमी] जुनून पिछले 30 वर्षों तक रहा। अगर आप एक राष्ट्र को विकसित करने, प्रतिस्पर्धा करने, अपना योगदान देने में सक्षम होने से रोकते हैं, तब आप युद्ध की घोषणा करते हैं," इरिट्रिया के राष्ट्रपति ने कहा।
अफवेर्की ने कहा कि यह पश्चिमी दृष्टिकोण
यूक्रेन संकट का कारण बन गया है और रूस और यूक्रेन के बीच विवाद
"वाशिंगटन के नेतृत्व में नाटो द्वारा घोषित युद्ध" ही है।
"लोगों को आना और हमें वह बताना नहीं चाहिए कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध है। यह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध नहीं है। यह पिछले 30 वर्षों के दौरान रूस के विरूद्ध पुनः घोषित युद्ध है," अफवेर्की ने जोर देकर कहा।
अफवेर्की ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज का संकट क्षेत्रीय ही नहीं, वैश्विक भी है।
"यह अलग-थलग रूस नहीं है। यह वैश्विक मुद्दा है। और हमें व्यवस्था, वैश्विक व्यवस्था या विश्व व्यवस्था की आवश्यकता है जो हर किसी को साझा करने, सहयोग करने में सक्षम करती है। आप एक राष्ट्र को नियंत्रित नहीं कर सकते। आप राष्ट्रों पर दबाव डालने के लिए सभी प्रकार के बालों का प्रयोग नहीं कर सकते। यह अस्वीकार्य है," अफवेर्की ने टिप्पणी की।
राष्ट्रपति के अनुसार, रूस को खुद की रक्षा करने का अधिकार है, "हर किसी को साझा करने, सहयोग करने में सक्षम करने वाली विश्व व्यवस्था” की रक्षा करने के लिए अन्य देशों के साथ काम करने का अधिकार है, जिसका समर्थन इरिट्रिया करता है।
इरिट्रिया 2 मार्च, 2022 को यूक्रेन में क्रेमलिन के विशेष सैन्य अभियान की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान करने वाले राज्यों में से एक था।
इस अभियान के शुरू होने के एक साल बाद, इरिट्रिया ने संयुक्त राष्ट्र के एक और प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया, जिसमें वह मांग सम्मिलित थी कि रूस को तुरंत लड़ाई को रोकना और यूक्रेन से अपने सैनिकों को वापस लेना चाहिए।
2014 में इरिट्रिया अपने विदेश मंत्री को क्रीमिया भेजने वाला पहला देश था, जब इस प्रायद्वीप के लोगों ने रूस में सम्मिलित होने का निर्णय किया था।