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अफगानिस्तान में पाकिस्तानी दूत: तालिबान की मान्यता UN सुरक्षा परिषद तय करेगी

© AP Photo / Muhammad SajjadFILE - A Pakistani paramilitary soldier, right, and a Taliban fighter stand guard on their respective sides at a border crossing point between Pakistan and Afghanistan, in Torkham, in the Khyber district of Pakistan, Aug. 21, 2021
FILE - A Pakistani paramilitary soldier, right, and a Taliban fighter stand guard on their respective sides at a border crossing point between Pakistan and Afghanistan, in Torkham, in the Khyber district of Pakistan, Aug. 21, 2021 - Sputnik भारत, 1920, 07.06.2023
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तालिबान ने 15 अगस्त 2021 से अफगानिस्तान पर अमेरिका समर्थित शासन को बेदखल कर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया। हालांकि तालिबान अमेरिका समर्थित सरकार से सत्ता पर विजय तो हासिल कर लिया लेकिन पड़ोस सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने में विफल रही।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान के नए विशेष प्रतिनिधि आसिफ अली दुर्रानी ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य काबुल में वर्तमान शासन को मान्यता देने का फैसला करेंगे।
"मुझे लगता है कि यह प्रमुख देशों, विशेष रूप से स्थायी पांच द्वारा निर्णय लिया जाएगा। वे उस ओर देख रहे हैं। यदि सुरक्षा परिषद के स्थायी पांच सदस्य किसी भी तरह का निर्णय करते हैं, तो इसका प्रभाव पड़ेगा," आसिफ दुर्रानी ने कहा।
साथ ही, उन्होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगान लोगों के साथ "दयालु" होने का आह्वान किया।

“अगर वे इस समय अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ व्यवस्था के प्रति दयावान नहीं हैं, तो कम से कम उन्हें लोगों के साथ दया करनी होगी। अगर संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े सही हैं तो करीब 95 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं और आर्थिक स्थिति बिगड़ने पर वे पाकिस्तान के लिए विशेष बोझ बन सकते हैं, क्योंकि उनका पहला अश्रयगाह पाकिस्तान होगा,” दुर्रानी ने कहा।

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कांगो और सोमालिया के बाद अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा भुखमरी
बता दें कि साल 2021 में अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद अभी तक किसी भी देश ने तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है। दरअसल यह वही तालिबान है जिसे आतंकवादी के रूप में लेबल किया गया है, और उनके कई नेता अभी भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 सूची में शामिल हैं, जिन पर मुकदमा चलाया जाना है।
*तालिबान आतंकी गतिविधियों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित है।
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