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दूसरी महिला को पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश का पद मिला है

© AAMIR QURESHIPakistan's national flag flies half-mast at the country's Supreme Court
Pakistan's national flag flies half-mast at the country's Supreme Court - Sputnik भारत, 1920, 07.07.2023
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बहुत समय पहले पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो देश में पहली महिला प्रधान मंत्री हो पाईं। लेकिन सत्ता के अन्य स्तरों पर बहुत महिलाएँ शीर्ष पदों पर नहीं हुई हैं।
शुक्रवार को इस्लामाबाद में समारोह में मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के द्वारा न्यायाधीश मुसरत हिलाली को शपथ दिलाया गया था, आज़ादी मिलने के बाद वे पाकिस्तान के सुप्रीम कॉर्ट में दूसरी महिला न्यायाधीश बन गईं।
हिलाली से पहले पिछले साल न्यायाधीश आयशा मलिक ने इतिहास रचा था, क्योंकि उन्हें शीर्ष अदालत में पद मिला था।
लेकिन पाकिस्तान की न्यायपालिका के शीर्ष पदों पर हिलाली की नियुक्ति अपेक्षित थी, क्योंकि वे पहली महिला थीं जिनको प्रांतीय अदालत के मुख्य न्यायाधीश (CJ) के पद मिला।
मई, 2023 में वे पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत हो पाईं।
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न्यायाधीश हिलाली की योग्यताएँ कौनसी हैं?

सन 1961 में पाकिस्तान के अस्थिर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में जन्मी न्यायाधीश हिलाली पेशावर विश्वविद्यालय के खैबर विधि महाविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।
सन 1983 में उन्होंने पेशावर की जिला अदालतों में वकील बनने के लिए पंजीकरण कराया। सन 2006 में पाँच साल बाद हिलाली ने देश के सुप्रीम कॉर्ट में वकील का अपना अभ्यास शुरू करने से पहले उच्च न्यायालय के वकील बनने के लिए नामांकन कराया।
वे बहुत-से क्षेत्रो में प्रथम अन्वेषक हैं - वे 1988 से 1989 तक 12 महीने के कार्यकाल के लिए वकील-परिषद के सचिव चुनी गई पहली महिला थीं।
हिलाली दो अवधियों के लिए पाकिस्तानी सुप्रीम कॉर्ट के वकील-परिषद की कार्यकारी सदस्य बनी हुई पहली महिला हैं। वे 2007-2008 और 2008-2009 में इस पद पर रहीं।
वे 2001 से 2004 तक खैबर पख्तूनख्वा की अतिरिक्त महाधिवक्ता थीं और यह करने वाली वे फिर से पहली महिला बनीं।
इसके बाद न्यायाधीश हिलाली को खैबर पख्तूनख्वा पर्यावरण संरक्षण न्यायाधिकरण के अध्यक्ष का पद मिला, फिर से वे इस पद पर सेवा करने वाली पहली महिला थीं।
पाकिस्तान के रूढ़िवादी समाज में वे "कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा के लिए लोकपाल" भी थीं। उस पद पर सेवा देने वाली वे पहली औरत थीं।
सुप्रीम कॉर्ट में अपनी पदोन्नति से पहले न्यायाधीश हिलाली को सन 2013 में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त होने से पहले उसी वर्ष पेशावर उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश नामित किया गया था।
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