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रूस की विदेशनीति की नई अवधारणा में सर्वप्रथम है भारत: रूसी उप राजदूत
रूस की विदेशनीति की नई अवधारणा में सर्वप्रथम है भारत: रूसी उप राजदूत
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रूसी उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा कि भारत और रूस परमानू ऊर्जा, भारी उद्योग, शिक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु शस्त्र, कृषि, प्रौद्योगिकी, विज्ञान आदि क्षेत्रों में सहयोग करते रहेंगे।
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19 अगस्त को रूसी उप राजदूत रोमन बाबुशकीन ने नई दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट में भाग लेते हुए कहा कि 1947 के बाद भारत और रूस बहुत नजदीक हो गए हैं और कि दोनों देशों के बीच दोस्ती निरंतर है। उनके अनुसार, रूस की विदेश नीति के नए अवधारणा में भारत प्राथमिक देशों में सबसे ऊंचा है।इसके साथ उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक और पुरानी दोस्ती चली आ रही है और दोनों देश परमानू ऊर्जा, भारी उद्योग, शिक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु शस्त्र, कृषि, प्रौद्योगिकी, विज्ञान आदि क्षेत्रों में सहयोग करते रहेंगे।भारत की जी-20 की अध्यक्षता नई दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट के दौरान रोमन बाबुशकीन ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता पर टिप्पणी की।इस पर उप राजदूत ने कहा कि होने वाले 18वें जी- 20 शिखर सम्मेलन का एक विशाल उद्देश्य वैश्विक दक्षिण पर ध्यान देना है ताकि विकास के मामले में सभी देशों की असमानता दूर हो जाए। उनके अनुसार, इससे भारत की भूमिका ग्लोबल साउथ की हैसियत में ज्यादा बढ़ रहेगी, और रूस भारत का पूर्ण समर्थन करता है।यूक्रेन संघर्षइसके साथ रूसी उप राजदूत ने यूक्रेन संघर्ष पर ध्यान केंद्रित किया। रूस भारत और चीन के सीमा विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगारूसी उप राजदूत ने जोर देकर कहा कि भारत और चीन के बीच जो सीमा विवाद है यह पूरी तरह द्विपक्षीय मामला है। उनके अनुसार, दूसरे देशों की तुलना में रूस इससे राजनीतिक लाभ उठाना नहीं चाहता। भारत और चीन दोनों रूस के सहयोगी हैं। रूस को विश्वास है कि भारत और चीन के बीच विश्वास धीरे-धीरे बढ़ सकेगा।क्या नई दिल्ली में जी-20 में पुतिन आएंगे कि नहींनई दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट के दौरान भाषण देते हुए रोमन बाबुशकीन ने अंत में उस सवाल का जवाब दिया कि क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में आएंगे या नहीं। पुतिन की भारत की यात्रा को लेकर बाबुशकीन ने कहा कि रूसी दूतावास के लोग भी ऐसा जानना चाहते हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली।
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भारत-रूस संबंधों पर बोले रूसी उप राजदूत, नई दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट, रूसी उप राजदूत रोमन बाबुश्किन, भारत प्राथमिक देशों में सबसे ऊंचा, देशों के बीच दोस्ती निरंतर, जी- 20 शिखर सम्मेलन, विकास के मामले में सभी देशों की असमानता, ग्लोबल साउथ, यूक्रेन संघर्ष के प्रति रूसी उप राजदूत का क्या खयाल, रूस भारत और चीन के सीमा विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगा, भारत-अमेरिका के रिश्तों को लेकर क्या चिंतित है रूस, क्या नई दिल्ली में जी-20 में पुतिन आएंगे कि नहीं, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद
भारत-रूस संबंधों पर बोले रूसी उप राजदूत, नई दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट, रूसी उप राजदूत रोमन बाबुश्किन, भारत प्राथमिक देशों में सबसे ऊंचा, देशों के बीच दोस्ती निरंतर, जी- 20 शिखर सम्मेलन, विकास के मामले में सभी देशों की असमानता, ग्लोबल साउथ, यूक्रेन संघर्ष के प्रति रूसी उप राजदूत का क्या खयाल, रूस भारत और चीन के सीमा विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगा, भारत-अमेरिका के रिश्तों को लेकर क्या चिंतित है रूस, क्या नई दिल्ली में जी-20 में पुतिन आएंगे कि नहीं, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद
रूस की विदेशनीति की नई अवधारणा में सर्वप्रथम है भारत: रूसी उप राजदूत
16:05 19.08.2023 (अपडेटेड: 17:24 05.03.2024) भारत ने पिछले साल 1 दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी और 30 नवंबर, 2023 तक उसकी अध्यक्षता जारी रखेगी। राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के स्तर पर जी-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाला है।
19 अगस्त को रूसी उप राजदूत रोमन बाबुशकीन ने नई दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट में भाग लेते हुए कहा कि 1947 के बाद भारत और रूस बहुत नजदीक हो गए हैं और कि दोनों देशों के बीच दोस्ती निरंतर है। उनके अनुसार, रूस की विदेश नीति के नए अवधारणा में भारत प्राथमिक देशों में सबसे ऊंचा है।
इसके साथ उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक और पुरानी दोस्ती चली आ रही है और दोनों देश परमानू ऊर्जा, भारी उद्योग, शिक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु शस्त्र, कृषि, प्रौद्योगिकी, विज्ञान आदि क्षेत्रों में सहयोग करते रहेंगे।
भारत की जी-20 की अध्यक्षता
नई दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट के दौरान रोमन बाबुशकीन ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता पर टिप्पणी की।
इस पर उप राजदूत ने कहा कि होने वाले
18वें जी- 20 शिखर सम्मेलन का एक विशाल उद्देश्य वैश्विक दक्षिण पर ध्यान देना है ताकि विकास के मामले में सभी देशों की असमानता दूर हो जाए। उनके अनुसार, इससे भारत की भूमिका ग्लोबल साउथ की हैसियत में ज्यादा बढ़ रहेगी, और रूस भारत का पूर्ण समर्थन करता है।
इसके साथ रूसी उप राजदूत ने यूक्रेन संघर्ष पर ध्यान केंद्रित किया।
बाबुशकीन के अनुसार पश्चिमी देश यूक्रेन को जी-20 सम्मेलन में शामिल करना चाहते हैं और वे यूक्रेन संकट का इस्तेमाल रूस को कमजोर करने के लिए करते हैं। हालांकि यूक्रेन में रूसी विशेष सैन्य अभियान के कारण उन्होंने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे, रूस की अर्थव्यवस्था मजबूत है, और किसी भी मुश्किलों के लिए तैयार है।
रूस भारत और चीन के सीमा विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगा
रूसी उप राजदूत ने जोर देकर कहा कि भारत और चीन के बीच जो
सीमा विवाद है यह पूरी तरह
द्विपक्षीय मामला है।
उनके अनुसार, दूसरे देशों की तुलना में रूस इससे राजनीतिक लाभ उठाना नहीं चाहता। भारत और चीन दोनों रूस के सहयोगी हैं। रूस को विश्वास है कि भारत और चीन के बीच विश्वास धीरे-धीरे बढ़ सकेगा।
क्या नई दिल्ली में जी-20 में पुतिन आएंगे कि नहीं
नई दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट के दौरान भाषण देते हुए रोमन बाबुशकीन ने अंत में उस सवाल का जवाब दिया कि क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में आएंगे या नहीं।
पुतिन की भारत की यात्रा को लेकर बाबुशकीन ने कहा कि रूसी दूतावास के लोग भी ऐसा जानना चाहते हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली।