https://hindi.sputniknews.in/20231006/putin-ne-valdaaii-men-sabhytaaon-ke-baare-men-baat-kii-to-unkaa-kyaa-matlab-thaa-jaanen-visheshagya-kii-raay-4635910.html
पुतिन ने वल्दाई में सभ्यताओं के बारे में बात की तो उनका क्या मतलब था? जानें विशेषज्ञ की राय
पुतिन ने वल्दाई में सभ्यताओं के बारे में बात की तो उनका क्या मतलब था? जानें विशेषज्ञ की राय
Sputnik भारत
ऐसा लगता है कि रूस द्वारा चलाया जा रहा विशेष सैन्य अभियान अंतिम चरण में पहुंच चुका है, सैन्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि कीव के सशस्त्र बल यूरोप की कठोर सर्दियों के महीनों में टिकने में सक्षम नहीं होंगे।
2023-10-06T14:52+0530
2023-10-06T14:52+0530
2023-10-06T14:52+0530
रूस की खबरें
रूस
व्लादिमीर पुतिन
वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की
यूक्रेन
भारत
चीन
विशेष सैन्य अभियान
रूसी सेना
राष्ट्रीय सुरक्षा
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/0a/05/4630335_0:136:3160:1914_1920x0_80_0_0_cbdd6c03f2ba893ac014878267047d23.jpg
एक भूराजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा है कि रूसी सभ्यता रूस की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है और राष्ट्र-राज्यों की सीमाओं से परे तक जाती है।यह टिप्पणी भारत के प्रमुख जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर अजय पटनायक ने की। उन्होंने रेखांकित किया कि जैसे भारत और चीन जैसी सभ्यताओं के लिए कोई सीमा नहीं होती, वैसे ही रूस के लिए कोई सीमा नहीं होती।पटनायक ने पुतिन के भाषण को लेकर कहा कि रूसी नेता की टिप्पणियों को एक अलग अर्थ में समझा जाना चाहिए।भारतीय या रूसी मूल के लोग राष्ट्र-राज्य की जिम्मेदारी हैंपटनायक ने इस बात पर बल दिया कि आज ऐसे राष्ट्र-राज्य हैं जिनकी संप्रभु सीमाएं हैं। लेकिन पुतिन का तात्पर्य यह है कि इन राष्ट्र-राज्यों की सीमाओं से परे पड़ोसी क्षेत्रों में उसी राष्ट्र के लोग रहते हैं।विशेषज्ञ ने कहा कि इससे भारत पर एक भावनात्मक प्रभाव पड़ा, क्योंकि बांग्लादेश में रहने वाले लोग भारत में रहने वाले बंगालियों के जातीय भाई हैं।यूक्रेन अपने संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत रूसी जाती के लोगों की रक्षा करने में विफल रहाविशेषज्ञ ने आगे कहा कि यूक्रेन द्वारा हस्ताक्षरित मिन्स्क समझौते में भी इस पहलू का उल्लेख किया गया था। समझौते की शर्तों के अंतर्गत कीव रूसी मूल के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने पर सहमत हुआ क्योंकि यूक्रेन की सरकार, जो देश में रहने वाले अन्य जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व कर सकती है, उनकी संस्कृति, उनकी भाषा और उनकी जातीयता का उल्लंघन नहीं कर सकती।मास्को ने कभी भी यूक्रेन के रूसी बहुल क्षेत्रों के विलय की मांग नहीं कीलेकिन वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के नेतृत्व में यूक्रेनी अधिकारियों की हर किसी को एकरूप बनाने की केंद्रीकरण प्रवृत्ति है और इससे समस्या आरंभ हुई।
https://hindi.sputniknews.in/20231005/putin-valdaaii-charchaa-klab-ke-puurn-star-ko-sanbodhit-krenge--4612911.html
रूस
यूक्रेन
भारत
चीन
पाकिस्तान
बांग्लादेश
मास्को
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/0a/05/4630335_215:0:2946:2048_1920x0_80_0_0_3aa9db0cee36fd5302b4b9f090a986df.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), रूसी सभ्यता, प्रोफेसर अजय पटनायक, बांग्लादेश, मिन्स्क समझौते के तहत यूक्रेनी जिम्मेदारी, व्लादिमीर पुतिन, वल्दाई चर्चा क्लब, विशेष सैन्य अभियान, यूक्रेन का जवाबी हमला, यूक्रेनी सशस्त्र बल, विशेष सैन्य अभियान, रूस यूक्रेन युद्ध की ताजा खबर, रूस यूक्रेन युद्ध, रूस यूक्रेन युद्ध लाइव, रूस यूक्रेन युद्ध की ताजा खबर | live, यूक्रेन युद्ध, यूक्रेन रूस युद्ध, रूस यूक्रेन युद्ध की ताजा खबर live, रूस-यूक्रेन युद्ध पर निबंध, russia ukraine news in hind, ukraine news in hindi, russia ukraine news hindi, ukraine russia news in hindi, ukraine news hindi, russia ukraine latest news in hindi, russia ukraine news in hindi today, russia ukraine war news in hindi, russia ukraine war in hindi
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), रूसी सभ्यता, प्रोफेसर अजय पटनायक, बांग्लादेश, मिन्स्क समझौते के तहत यूक्रेनी जिम्मेदारी, व्लादिमीर पुतिन, वल्दाई चर्चा क्लब, विशेष सैन्य अभियान, यूक्रेन का जवाबी हमला, यूक्रेनी सशस्त्र बल, विशेष सैन्य अभियान, रूस यूक्रेन युद्ध की ताजा खबर, रूस यूक्रेन युद्ध, रूस यूक्रेन युद्ध लाइव, रूस यूक्रेन युद्ध की ताजा खबर | live, यूक्रेन युद्ध, यूक्रेन रूस युद्ध, रूस यूक्रेन युद्ध की ताजा खबर live, रूस-यूक्रेन युद्ध पर निबंध, russia ukraine news in hind, ukraine news in hindi, russia ukraine news hindi, ukraine russia news in hindi, ukraine news hindi, russia ukraine latest news in hindi, russia ukraine news in hindi today, russia ukraine war news in hindi, russia ukraine war in hindi
पुतिन ने वल्दाई में सभ्यताओं के बारे में बात की तो उनका क्या मतलब था? जानें विशेषज्ञ की राय
ऐसा लगता है कि रूस द्वारा चलाया जा रहा विशेष सैन्य अभियान अंतिम चरण में पहुंच चुका है, सैन्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि कीव के सशस्त्र बल यूरोप की कठोर सर्दियों के महीनों में टिकने में सक्षम नहीं होंगे।
एक भूराजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा है कि
रूसी सभ्यता रूस की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है और राष्ट्र-राज्यों की सीमाओं से परे तक जाती है।
यह टिप्पणी
भारत के प्रमुख जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर अजय पटनायक ने की। उन्होंने रेखांकित किया कि जैसे भारत और चीन जैसी सभ्यताओं के लिए कोई सीमा नहीं होती, वैसे ही रूस के लिए कोई सीमा नहीं होती।
रूसी राष्ट्रपति ने गुरुवार को मास्को में कहा, "देखिए, दुनिया भर में कितने चीनी लोग रहते हैं, या कितने भारतीय दुनिया भर में रहते हैं। वे सभी एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं और यह अच्छा है।"
पटनायक ने पुतिन के भाषण को लेकर कहा कि रूसी नेता की टिप्पणियों को एक अलग अर्थ में समझा जाना चाहिए।
भारतीय या रूसी मूल के लोग राष्ट्र-राज्य की जिम्मेदारी हैं
पटनायक ने इस बात पर बल दिया कि आज ऐसे राष्ट्र-राज्य हैं जिनकी संप्रभु सीमाएं हैं। लेकिन पुतिन का तात्पर्य यह है कि इन राष्ट्र-राज्यों की सीमाओं से परे पड़ोसी क्षेत्रों में उसी राष्ट्र के लोग रहते हैं।
"वे देश की जिम्मेदारी का हिस्सा बन जाते हैं। बांग्लादेश के मामले की तरह भारत तब आहत हुआ जब पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बंगालियों पर इस्लामाबाद की सेना ने आक्रमण किया और उन्हें मार डाला," पटनायक ने Sputnik India को बताया।
विशेषज्ञ ने कहा कि इससे भारत पर एक भावनात्मक प्रभाव पड़ा, क्योंकि बांग्लादेश में रहने वाले लोग भारत में रहने वाले बंगालियों के जातीय भाई हैं।
यूक्रेन अपने संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत रूसी जाती के लोगों की रक्षा करने में विफल रहा
पटनायक ने कहा, "बात यह है कि जब मास्को ने यूक्रेन में अपना विशेष सैन्य अभियान आरंभ किया, तो रूसी नेतृत्व की मुख्य मांगों में से एक यह थी कि यूक्रेन में रहने वाले रूसी जाती के लोगों को पूर्वी यूरोपीय देश के संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत स्वायत्तता दी जानी चाहिए।"
विशेषज्ञ ने आगे कहा कि यूक्रेन द्वारा हस्ताक्षरित मिन्स्क समझौते में भी इस पहलू का उल्लेख किया गया था। समझौते की शर्तों के अंतर्गत कीव रूसी मूल के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने पर सहमत हुआ क्योंकि यूक्रेन की सरकार, जो देश में रहने वाले अन्य जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व कर सकती है, उनकी संस्कृति, उनकी भाषा और उनकी जातीयता का उल्लंघन नहीं कर सकती।
मास्को ने कभी भी यूक्रेन के रूसी बहुल क्षेत्रों के विलय की मांग नहीं की
अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ ने कहा, "रूस ने सदैव कहा है कि इन अल्पसंख्यकों को यूक्रेनी कानूनों के अंतर्गत सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए (…) यूक्रेन के रूसी बहुल क्षेत्रों को यूरेशियाई संप्रभु राज्य [रूस] के साथ विलय करने के बारे में कभी बात नहीं की।"
लेकिन
वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के नेतृत्व में यूक्रेनी अधिकारियों की हर किसी को एकरूप बनाने की केंद्रीकरण प्रवृत्ति है और इससे समस्या आरंभ हुई।
पटनायक ने कहा, "अगर यूक्रेन ने सहमति बनाई होती, तो यह मुद्दा हल हो सकता। वह शुरू में सहमत हुआ लेकिन पश्चिम के दबाव में उस वादे से मुकर गया। अन्यथा रूस और यूक्रेन के मध्य मामलों की स्थिति पूरी तरह से अलग होती, और पश्चिम इस संघर्ष का उपयोग करके रूस के विरुद्ध एक छद्म युद्ध न कर रहा होता''।