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भारतीय रक्षा मंत्रालय और CSL ने INS ब्यास के अपग्रेड के लिए अनुबंध किया

© AP Photo / BIKAS DASChief of Naval Staff, Admiral Arun Prakash, second from left, inspects the ship along with others after commissioning of INS Beas, a guided missile frigate, in Calcutta, India, Monday, July 11, 2005.
Chief of Naval Staff, Admiral Arun Prakash, second from left, inspects the ship along with others after commissioning of INS Beas, a guided missile frigate, in Calcutta, India, Monday, July 11, 2005.  - Sputnik भारत, 1920, 16.10.2023
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भारत के रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने दिल्ली में "INS ब्यास" के मिड लाइफ अपग्रेड और री-पॉवरिंग के लिए 313.42 करोड़ रुपये की कुल लागत वाले अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि रक्षा मंत्रालय ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के साथ "INS ब्यास" के मिड लाइफ अपग्रेड और री-पॉवरिंग पर एक समझौता किया।
INS ब्यास भारतीय नौसेना का ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत है जो भाप से डीजल प्रणोदन तक पुन: संचालित होता है। INS ब्यास 2026 में मिड लाइफ अपग्रेड और री-पॉवरिंग के पूरा होने के बाद आधुनिक हथियार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में फिर से शामिल हो जाएगा।
यह भारत की पहली री-पॉवरिंग परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव के तरीके और मेसर्स CSL की मरम्मत क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
इस परियोजना में 50 से अधिक MSME (लघु उद्योग) शामिल होने के साथ साथ 3500 से अधिक लोगों को काम मिलेगा, यह परियोजना भारत सरकार की मेक इन इंडिया के तहत आत्मनिर्भर भारत बनाने की एक और पहल होगी।
Tejas - Sputnik भारत, 1920, 25.08.2023
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