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XPoSat को अंतरिक्ष में भेजकर इसरो करेगा नए साल की शुरुआत: रिपोर्ट
XPoSat को अंतरिक्ष में भेजकर इसरो करेगा नए साल की शुरुआत: रिपोर्ट
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भारतीय मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की अंतरिक्ष एजेंसी साल 2024 की शुरुआत 1 जनवरी को अपने पहले पोलारिमेट्री मिशन एक्सपीओसैट के लॉन्च के साथ कर सकती है।
2023-12-22T11:43+0530
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इससे पूर्व भारत दो अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला लॉन्च कर चुका है। जिसमें एक हाल ही में लॉन्च किया गया सौर मिशन आदित्य-एल1 और 2015 में लॉन्च किया गया एस्ट्रोसैट है।इस लॉन्च में दो प्लेलोड POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) और XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा। इस मिशन की अवधि पांच वर्ष निर्धारित की गई है।इस लॉन्च के द्वारा अंतरिक्ष में खगोलीय एक्स-रे के किरणों के "ध्रुवीकरण" का अध्ययन किया जाएगा, जिससे इनके निकालने के बारे में अंदरूनी जानकारी का पता लगाया जा सके। यह खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करने की एक विधि है, जिसमें उनकी इमेजिंग के अतिरिक्त, किसी स्रोत से प्रकाश में उतार-चढ़ाव और आकाशीय पिंडों द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है। वेधशाला ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारे (विशाल तारे का ढहा हुआ कोर) जैसे स्रोतों से उत्सर्जन तंत्र को समझने में सहायता कर सकती है।POLIX को 8-30 keV में अवलोकन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, वहीं XSPECT स्पेक्ट्रोस्कोपी नामक अवलोकन की एक विधि का उपयोग विभिन्न पदार्थों द्वारा उत्पन्न विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के अध्ययन में होता है।
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XPoSat को अंतरिक्ष में भेजकर इसरो करेगा नए साल की शुरुआत: रिपोर्ट
भारतीय मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की अंतरिक्ष एजेंसी साल 2024 की शुरुआत 1 जनवरी को अपने पहले पोलारिमेट्री मिशन एक्सपीओसैट के लॉन्च के साथ कर सकती है।
इससे पूर्व भारत दो अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला लॉन्च कर चुका है। जिसमें एक हाल ही में लॉन्च किया गया सौर मिशन आदित्य-एल1 और 2015 में लॉन्च किया गया एस्ट्रोसैट है।
इस लॉन्च में दो प्लेलोड POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) और XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) को
पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा। इस मिशन की अवधि पांच वर्ष निर्धारित की गई है।
इस लॉन्च के द्वारा अंतरिक्ष में खगोलीय एक्स-रे के किरणों के "ध्रुवीकरण" का अध्ययन किया जाएगा, जिससे इनके निकालने के बारे में अंदरूनी जानकारी का पता लगाया जा सके।
यह खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करने की एक विधि है, जिसमें उनकी इमेजिंग के अतिरिक्त, किसी स्रोत से प्रकाश में उतार-चढ़ाव और
आकाशीय पिंडों द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है। वेधशाला ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारे (विशाल तारे का ढहा हुआ कोर) जैसे स्रोतों से उत्सर्जन तंत्र को समझने में सहायता कर सकती है।
POLIX को 8-30 keV में अवलोकन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, वहीं XSPECT स्पेक्ट्रोस्कोपी नामक अवलोकन की एक विधि का उपयोग विभिन्न पदार्थों द्वारा उत्पन्न विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के अध्ययन में होता है।