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भारत-पाकिस्तान ने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का किया आदान-प्रदान

© AP Photo / Channi AnandIn this Jan. 23, 2020, file photo, an Indian Border Security Force soldier walks through a gate painted with the Indian flag at the India-Pakistan border at Suchet Garh in Ranbir Singh Pura, about 27 kilometers (17 miles) south of Jammu, India.
In this  Jan. 23, 2020, file photo, an Indian Border Security Force soldier walks through a gate painted with the Indian flag at the India-Pakistan border at Suchet Garh in Ranbir Singh Pura, about 27 kilometers (17 miles) south of Jammu, India. - Sputnik भारत, 1920, 01.01.2024
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सोमवार को भारत और पाकिस्तान ने उन परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया जिन पर शत्रुता की स्थिति में हमला नहीं किया जा सकता है।
दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर होने के बावजूद 1992 से चली आ रही परंपरा को बरकरार रखा गया है।
"परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के खिलाफ हमले के निषेध पर समझौते के प्रावधानों के अनुरूप नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक चैनलों के माध्यम से परमाणु सुविधाओं की सूचियों का एक साथ आदान-प्रदान किया गया," विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा।
हालांकि, दोनों पक्ष परमाणु प्रतिष्ठानों के विवरण का खुलासा नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि समझौते पर 31 दिसंबर, 1988 को हस्ताक्षर किए गए और 27 जनवरी, 1991 को लागू हुआ। इसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान को प्रत्येक कैलेंडर वर्ष की पहली जनवरी को समझौते के तहत शामिल होने वाले परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के बारे में एक-दूसरे को सूचित करना चाहिए।
बता दें कि यह दोनों देशों के बीच ऐसी सूचियों का लगातार 33वां आदान-प्रदान था, पहला आदान-प्रदान 1 जनवरी 1992 को हुआ था।
पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT)* की 10 सदस्यीय टीम द्वारा 2008 के मुंबई हमलों के बाद तथाकथित समग्र वार्ता समाप्त करने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई औपचारिक या निरंतर बातचीत नहीं हुई है। इस हमले में 166 लोग मारे गए और कई घायल हुए।
दोनों पक्षों के राजनीतिक नेतृत्व ने संपर्क फिर से शुरू करने के प्रयास किए, हालांकि ये प्रयास पाकिस्तान स्थित समूहों पर आधारित आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला के कारण पटरी से उतर गए। 2019 पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान शत्रुता के करीब आ गए, जिसका आरोप जैश-ए-मोहम्मद (JeM)* पर लगाया गया था।
Hafiz Saeed - Sputnik भारत, 1920, 29.12.2023
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