https://hindi.sputniknews.in/20240104/bharat-aur-russia-arctic-muddon-par-sahyog-kar-sakte-hain-visheshgya-6089047.html
भारत और रूस आर्कटिक मुद्दों पर सहयोग कर सकते हैं: विशेषज्ञ
भारत और रूस आर्कटिक मुद्दों पर सहयोग कर सकते हैं: विशेषज्ञ
Sputnik भारत
भारत-रूस सहयोग में आर्कटिक, अंतरिक्ष और कई अन्य मुद्दे शामिल हो सकते हैं, प्रमुख भारतीय थिंक टैंक, मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान में सेंटर फॉर यूरोप एंड यूरेशिया की एसोसिएट फेलो डॉ. स्वस्ति राव ने बताया।
2024-01-04T20:20+0530
2024-01-04T20:20+0530
2024-01-04T20:20+0530
भारत-रूस संबंध
भारत
आर्कटिक
रूस आर्कटिक
रूस
रूसी विदेश मंत्रालय
भारत का विदेश मंत्रालय (mea)
यूरेशियन आर्थिक संघ
वैश्विक आर्थिक स्थिरता
आर्थिक वृद्धि दर
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/09/0e/4238556_0:133:3171:1917_1920x0_80_0_0_63c23b0100118eebf1a275cb9434e606.jpg
आर्कटिक के प्रति भारत के दृष्टिकोण ने 2017 के अंत से एक अपरिहार्य भू-राजनीतिक मोड़ ले लिया है, जब नई दिल्ली ने अपने बड़े स्तर पर मात्र विज्ञान दृष्टिकोण को त्याग दिया और इस क्षेत्र पर अधिक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया।ज्ञात है कि जयशंकर 25 से 29 दिसंबर, 2023 तक रूस में थे और इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, विदेश मंत्री सर्गे लवरोव और रूसी उप प्रधानमंत्री तथा उद्योग और व्यापार मंत्रालय के प्रमुख डेनिस मंटुरोव के साथ बातचीत भी की। यात्रा के दौरान, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र से संबंधित तीन दस्तावेजों, फार्मास्यूटिकल्स और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन और विदेश मंत्रालय के परामर्श पर एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए।इससे पूर्व, जयशंकर ने कहा था कि भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ जनवरी 2024 में मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत आरंभ करेंगे।बता दें कि यूरेशियन आर्थिक संघ के पांच देशों में रूस, कजाकिस्तान, बेलारूस, आर्मेनिया और किर्गिस्तान शामिल हैं। रूस न मात्र इस समूह का सबसे बड़ा देश है, वित्त वर्ष 2023 में भारत के साथ व्यापार में इसकी हिस्सेदारी 98% थी। यदि कोई व्यापार समझौता होता है तो इससे भारत और रूस के मध्य द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।
https://hindi.sputniknews.in/20231218/bharat-saal-bhar-arctic-men-anusndhan-station-sthaapit-karne-wala-chautha-desh-bna-5878268.html
भारत
आर्कटिक
रूस आर्कटिक
रूस
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2024
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/09/0e/4238556_220:0:2951:2048_1920x0_80_0_0_8d415381da8253b379d1421229df5443.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
भारत-रूस सहयोग, आर्कटिक मुद्दों पर सहयोग, आर्कटिक के प्रति भारत के दृष्टिकोण, आर्कटिक में भारत की भागीदारी, भारत की भागीदारी में रूस की भूमिका, विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र, भारत और यूरेशियन संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते, यूरेशियन आर्थिक संघ (eeu), भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंध
भारत-रूस सहयोग, आर्कटिक मुद्दों पर सहयोग, आर्कटिक के प्रति भारत के दृष्टिकोण, आर्कटिक में भारत की भागीदारी, भारत की भागीदारी में रूस की भूमिका, विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र, भारत और यूरेशियन संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते, यूरेशियन आर्थिक संघ (eeu), भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंध
भारत और रूस आर्कटिक मुद्दों पर सहयोग कर सकते हैं: विशेषज्ञ
भारत-रूस सहयोग में आर्कटिक, अंतरिक्ष और कई अन्य मुद्दे सम्मिलित हो सकते हैं, भारतीय थिंक टैंक, मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में सेंटर फॉर यूरोप एंड यूरेशिया की एसोसिएट फेलो डॉ. स्वस्ति राव ने Sputnik को बताया।
आर्कटिक के प्रति भारत के दृष्टिकोण ने 2017 के अंत से एक अपरिहार्य भू-राजनीतिक मोड़ ले लिया है, जब नई दिल्ली ने अपने बड़े स्तर पर मात्र विज्ञान दृष्टिकोण को त्याग दिया और इस क्षेत्र पर अधिक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया।
"मुझे लगता है कि विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर की यात्रा से पता चला है कि हम रिश्ते को कहां ले जाना चाहते हैं। मेरे दिमाग में आने वाले सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक आर्कटिक है। आर्कटिक में भारत की भागीदारी में रूस एक उत्प्रेरक भूमिका निभा सकता है," डॉ. स्वस्ति राव ने कहा और इस बात पर जोर दिया कि देशों को किसी एक क्षेत्र के विकास के लिए अपवाद बनाए बिना, सभी क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार करने की आवश्यकता है।
ज्ञात है कि जयशंकर 25 से 29 दिसंबर, 2023 तक रूस में थे और इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति
व्लादिमीर पुतिन, विदेश मंत्री सर्गे लवरोव और रूसी उप प्रधानमंत्री तथा उद्योग और व्यापार मंत्रालय के प्रमुख डेनिस मंटुरोव के साथ बातचीत भी की। यात्रा के दौरान, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र से संबंधित तीन दस्तावेजों, फार्मास्यूटिकल्स और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन और विदेश मंत्रालय के परामर्श पर एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए।
"हमें कम से कम भारत और यूरेशियन संघ के मध्य एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत आरंभ करनी चाहिए। और, निश्चित रूप से अंतरिक्ष कार्यक्रम पर थोड़ा और निकटता से सहयोग करना चाहिए," विशेषज्ञ ने कहा।
इससे पूर्व, जयशंकर ने कहा था कि भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ जनवरी 2024 में
मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत आरंभ करेंगे।
बता दें कि यूरेशियन आर्थिक संघ के पांच देशों में रूस, कजाकिस्तान, बेलारूस, आर्मेनिया और किर्गिस्तान शामिल हैं। रूस न मात्र इस समूह का सबसे बड़ा देश है, वित्त वर्ष 2023 में भारत के साथ व्यापार में इसकी हिस्सेदारी 98% थी। यदि कोई व्यापार समझौता होता है तो इससे भारत और रूस के मध्य
द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।