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जानें पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किये गए भारत के सबसे बड़े समुद्री पुल 'अटल सेतु' को
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भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) जिसका उद्घाटन शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में किया। इस लिंक का आधिकारिक नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल सेतु रखा गया है।
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भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) का उद्घाटन शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में किया। इस लिंक का आधिकारिक नाम भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल सेतु रखा गया है।MTHL एक छह-लेन वाला राजमार्ग है। परियोजना का अधिकतर कार्य पूरा किया जा चुका है। इस पुल को स्वचालित टोल, बुद्धिमान परिवहन प्रणालियों और ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक स्पैन जैसी उन्नत सुविधाओं के साथ लैस किया गया है। डेक स्पैन जैसी तकनीक के प्रयोग से बिना खंबों के यह लंबे समय तक चल सकता है। MTHL जिसे अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी न्हावा शेवा अटल सेतु के नाम से भी जाना जाता है, मुंबई और नवी मुंबई के बीच दो घंटे की कठिन यात्रा को घटाकर मात्र 20 मिनट की कर देगा। अटल सेतु 42 किमी की दूरी को घटाकर मात्र 22 किमी कर देगा, जिससे यात्रा का समय और ईंधन दोनों बचेंगे।पीएम मोदी द्वारा आज से इसे जनता के हवाले कर दिया गया है और इसके बाद यह मुंबई शहर को एक नई आर्थिक सहायता देगा। इसकी सहायता से लोग बहुत ही कम समय में यात्रा पूर्ण कर सकेंगे जिससे कुछ स्तर तक लोगों को जाम से भी निजात मिलेगी।मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (अटल सेतु) की खास बातें
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अटल सेतु ब्रिज कहां है, अटल सेतु ब्रिज कितना लंबा है, अटल सेतु ब्रिज किन जगहों को जोड़ेगा, अटल सेतु का असली नाम क्या है, कितने में बनाया गया है अटल सेतु, where is atal setu bridge, how long is atal setu bridge, which places will atal setu bridge connect, what is the real name of atal setu, in how many years was atal setu built, mumbai trans harbour link completion date, mumbai trans harbour link opening date, mumbai trans harbour link project details,
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जानें पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किये गए भारत के सबसे बड़े समुद्री पुल 'अटल सेतु' को
मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ने वाला यह पुल अपने आप में एक इंजीनियरिंग का चमत्कार है, जो अरब सागर के ऊपर 16.5 किलोमीटर तक फैला हुआ है। Sputnik India आज आपको इस अटल सेतु से जुड़ी कुछ मुख्य बातें बताने जा रहा है जो इसे अन्य पुलों की तुलना में विशेष बनाती हैं।
भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) का उद्घाटन शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में किया। इस लिंक का आधिकारिक नाम भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल सेतु रखा गया है।
MTHL एक छह-लेन वाला राजमार्ग है। परियोजना का अधिकतर कार्य पूरा किया जा चुका है। इस पुल को स्वचालित टोल, बुद्धिमान परिवहन प्रणालियों और ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक स्पैन जैसी उन्नत सुविधाओं के साथ लैस किया गया है।
डेक स्पैन जैसी तकनीक के प्रयोग से बिना खंबों के यह लंबे समय तक चल सकता है। MTHL जिसे
अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी न्हावा शेवा अटल सेतु के नाम से भी जाना जाता है, मुंबई और नवी मुंबई के बीच दो घंटे की कठिन यात्रा को घटाकर मात्र 20 मिनट की कर देगा। अटल सेतु 42 किमी की दूरी को घटाकर मात्र 22 किमी कर देगा, जिससे यात्रा का समय और ईंधन दोनों बचेंगे।
पीएम मोदी द्वारा आज से इसे जनता के हवाले कर दिया गया है और इसके बाद यह मुंबई शहर को एक नई आर्थिक सहायता देगा। इसकी सहायता से लोग बहुत ही कम समय में यात्रा पूर्ण कर सकेंगे जिससे कुछ स्तर तक लोगों को जाम से भी निजात मिलेगी।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (अटल सेतु) की खास बातें
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले इस अटल सेतु को बनाने में कुल 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत लगी है।
इसकी कुल लंबाई की बात करें तो यह छह लेन वाला लगभग 21.8 किमी लंबा पुल है, जिसका 16.5 किमी लंबा एक हिस्सा समुद्र के ऊपर और लगभग 5.5 किमी भूमि पर है।
इस पुल को बनाने का मुख्य उद्देश्य मुंबई में स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे दोनों से कनेक्टिविटी बढ़ाना है। इसकी सहायता से मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा का समय कम हो जाएगा।
इसके अतिरिक्त प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इसके खुल जाने से मुंबई बंदरगाह और
जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के मध्य की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
मुंबई पुलिस ने इस पर चलने के लिए भी नियम बनाए हैं, जिनमें कारों, टैक्सियों, हल्के मोटर वाहनों, मिनी बसों और टू-एक्सल बसों की अधिकतम गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
इसके अतिरिक्त इस पुल पर मोटरबाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर चलाने की अनुमति भी नहीं होगी।
अटल सेतु पर एक यात्री कार से एक तरफ का यात्रा करने के लिए 250 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं वापसी यात्रा के साथ-साथ रोज और लगातार आने जाने वाले यात्रियों के लिए टोल शुल्क अलग-अलग होगा।