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आत्मनिर्भर हो रही भारतीय वायुसेना, 2-3 वर्षों में ही बनाए 60000 से अधिक कलपुर्जे: IAF प्रमुख

© AP Photo / Rajesh Kumar SinghIndian Air Force fighter jets MIG 21 perform during Air Force Day celebration at Sangam, the holy confluence of river Ganga, Yamuna and the mythical Saraswati, in Prayagraj, India Sunday, Oct. 8, 2023.
Indian Air Force fighter jets MIG 21 perform during Air Force Day  celebration at Sangam, the holy confluence of river Ganga, Yamuna and the mythical Saraswati, in Prayagraj, India Sunday, Oct. 8, 2023.  - Sputnik भारत, 1920, 14.01.2024
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वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने शनिवार को खुलासा किया कि भारतीय वायु सेना 60,000 से अधिक कलपुर्जों का निर्माण देश में ही कर रही है।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि आत्मनिर्भरता की दिशा में ऊंची छलांग लगाते हुए भारत ने एक और कीर्तिमान प्राप्त कर लिया है। पिछले 2-3 वर्षों में भारतीय वायु सेना के लिए 60 हजार से अधिक कल-पुर्जे देश में ही तैयार किए गए।
नागपुर के भोंसाला मिलिट्री स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए वायु सेना प्रमुख ने उपकरण घटकों के स्वदेशीकरण पर जोर दिया जिससे विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) पर वायु सेना की निर्भरता कम हो जाएगी।

वायुसेना प्रमुख ने कहा, "हमने अपने बेस रिपेयर डिपो (बीआरडी) को औद्योगिक सहयोग के लिए खोल दिया है, जिससे उन्हें सभी वायु सेना इकाइयों की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति मिल सके।"

IAF के लापता एएन-32 विमान का मलबा

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने साथ ही बंगाल की खाड़ी में साढ़े सात वर्ष से अधिक समय से लापता एएन-32 विमान का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान की सराहना की।

चौधरी ने कहा, "यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, परंतु गहरे समुद्र की अन्वेषण प्रौद्योगिकी में प्रगति ने हमें समुद्र तल पर विमान को खोजने में सक्षम बनाया।"

आपको स्मरण दिला दें कि राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान ने भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान के संभावित मलबे को चेन्नई तट के निकट लगभग 3.4 किमी की गहराई पर पाया है, जो लगभग साढ़े सात वर्ष पूर्व 29 लोगों के साथ लापता हो गया था।
Vivek Ram Chaudhary - Sputnik भारत, 1920, 22.12.2023
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