https://hindi.sputniknews.in/20240114/aatmniribhri-ho-rihii-bhaaritiiy-vaayusenaa-2-3-vrishon-men-hii-desh-men-bnaae-60000-se-adhik-klpurije-iaf-prmukh-6202105.html
आत्मनिर्भर हो रही भारतीय वायुसेना, 2-3 वर्षों में ही बनाए 60000 से अधिक कलपुर्जे: IAF प्रमुख
आत्मनिर्भर हो रही भारतीय वायुसेना, 2-3 वर्षों में ही बनाए 60000 से अधिक कलपुर्जे: IAF प्रमुख
आत्मनिर्भरता की दिशा में ऊंची छलांग लगाते हुए एक भारत ने और कीर्तिमान हासिल कर लिया है। पिछले 2-3 वर्षों में भारतीय वायु सेना के लिए 60 हजार से अधिक कल-पुर्जे देश में ही तैयार किए गए।
2024-01-14T17:39+0530
2024-01-14T17:39+0530
2024-01-14T18:08+0530
डिफेंस
भारत
आत्मनिर्भर भारत
वायुसेना
भारतीय वायुसेना
भारत का विकास
तकनीकी विकास
सैन्य तकनीक
सैन्य प्रौद्योगिकी
पश्चिम बंगाल
/html/head/meta[@name='og:title']/@content
/html/head/meta[@name='og:description']/@content
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/01/0e/6202474_0:160:3072:1888_1920x0_80_0_0_32ab2caa2bd3a8988fdfd09a34aea7ba.jpg
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि आत्मनिर्भरता की दिशा में ऊंची छलांग लगाते हुए भारत ने एक और कीर्तिमान प्राप्त कर लिया है। पिछले 2-3 वर्षों में भारतीय वायु सेना के लिए 60 हजार से अधिक कल-पुर्जे देश में ही तैयार किए गए।नागपुर के भोंसाला मिलिट्री स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए वायु सेना प्रमुख ने उपकरण घटकों के स्वदेशीकरण पर जोर दिया जिससे विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) पर वायु सेना की निर्भरता कम हो जाएगी।IAF के लापता एएन-32 विमान का मलबाएयर चीफ मार्शल चौधरी ने साथ ही बंगाल की खाड़ी में साढ़े सात वर्ष से अधिक समय से लापता एएन-32 विमान का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान की सराहना की।आपको स्मरण दिला दें कि राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान ने भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान के संभावित मलबे को चेन्नई तट के निकट लगभग 3.4 किमी की गहराई पर पाया है, जो लगभग साढ़े सात वर्ष पूर्व 29 लोगों के साथ लापता हो गया था।
https://hindi.sputniknews.in/20231222/vaicharik-vibhajan-aur-sansadhnon-ki-kami-ke-karan-vaishwik-sangharsh-ka-khatra-vayu-sena-pramukh-5925793.html
भारत
पश्चिम बंगाल
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rosiya Segodnya“
2024
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rosiya Segodnya“
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rosiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/01/0e/6202474_171:0:2902:2048_1920x0_80_0_0_dfe580056514403335f5d454e7a11483.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rosiya Segodnya“
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, 60 हजार से अधिक कल-पुर्जे, नागपुर के भोंसाला मिलिट्री स्कूल, बेस रिपेयर डिपो (बीआरडी), बंगाल की खाड़ी में साढ़े सात साल से अधिक समय से लापता एएन-32 विमान का पता, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय वायु सेना 60,000 से अधिक कलपुर्जों का निर्माण, भारतीय वायु सेना ने खुद उपकरणों का निर्माण किया, भारतीय सेना की उपलब्धि, भारतीय सेना कितनी आत्मनिर्भर है
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, 60 हजार से अधिक कल-पुर्जे, नागपुर के भोंसाला मिलिट्री स्कूल, बेस रिपेयर डिपो (बीआरडी), बंगाल की खाड़ी में साढ़े सात साल से अधिक समय से लापता एएन-32 विमान का पता, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय वायु सेना 60,000 से अधिक कलपुर्जों का निर्माण, भारतीय वायु सेना ने खुद उपकरणों का निर्माण किया, भारतीय सेना की उपलब्धि, भारतीय सेना कितनी आत्मनिर्भर है
आत्मनिर्भर हो रही भारतीय वायुसेना, 2-3 वर्षों में ही बनाए 60000 से अधिक कलपुर्जे: IAF प्रमुख
17:39 14.01.2024 (अपडेटेड: 18:08 14.01.2024) वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने शनिवार को खुलासा किया कि भारतीय वायु सेना 60,000 से अधिक कलपुर्जों का निर्माण देश में ही कर रही है।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि आत्मनिर्भरता की दिशा में ऊंची छलांग लगाते हुए भारत ने एक और कीर्तिमान प्राप्त कर लिया है। पिछले 2-3 वर्षों में भारतीय वायु सेना के लिए 60 हजार से अधिक कल-पुर्जे देश में ही तैयार किए गए।
नागपुर के भोंसाला मिलिट्री स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए वायु सेना प्रमुख ने उपकरण
घटकों के स्वदेशीकरण पर जोर दिया जिससे विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) पर वायु सेना की निर्भरता कम हो जाएगी।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, "हमने अपने बेस रिपेयर डिपो (बीआरडी) को औद्योगिक सहयोग के लिए खोल दिया है, जिससे उन्हें सभी वायु सेना इकाइयों की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति मिल सके।"
IAF के लापता एएन-32 विमान का मलबा
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने साथ ही बंगाल की खाड़ी में साढ़े सात वर्ष से अधिक समय से लापता
एएन-32 विमान का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान की सराहना की।
चौधरी ने कहा, "यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, परंतु गहरे समुद्र की अन्वेषण प्रौद्योगिकी में प्रगति ने हमें समुद्र तल पर विमान को खोजने में सक्षम बनाया।"
आपको स्मरण दिला दें कि राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान ने भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान के संभावित मलबे को चेन्नई तट के निकट लगभग 3.4 किमी की गहराई पर पाया है, जो लगभग साढ़े सात वर्ष पूर्व 29 लोगों के साथ लापता हो गया था।