किम के युद्ध की तैयारी के आह्वान के बीच उत्तर कोरिया का क्रूज मिसाइलों का परीक्षण
© AP Photo / Ahn Young-joonA TV screen shows a file image of North Korea's missile launch during a news program at the Seoul Railway Station in Seoul, South Korea, Friday, Feb. 2, 2024.
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इससे पहले उत्तर कोरिया ने पिछले महीने में क्रूज़ मिसाइलों के तीन दौरों का परीक्षण कर चुका है, जिनमें लंबी दूरी की क्रूज़ मिसाइल और पनडुब्बी प्रक्षेपण के लिए विकसित एक नया हथियार भी शामिल था।
दक्षिण कोरिया की सेना के हवाले से मीडिया ने बताया कि उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को अपने पश्चिमी तट पर कई क्रूज मिसाइलें दागीं।
इन मिसाइलों के दागे जाने के बाद दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई सेनाएं प्रक्षेपणों का विश्लेषण कर रही हैं। हालांकि इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है कि मिसाइल कितनी थी और उन्होंने कितनी दूरी तक उड़ान भरी।
इन मिसाइलों के दागे जाने के बाद दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई सेनाएं प्रक्षेपणों का विश्लेषण कर रही हैं। हालांकि इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है कि मिसाइल कितनी थी और उन्होंने कितनी दूरी तक उड़ान भरी।
यह मिसाइल उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन द्वारा पश्चिमी बंदरगाह शहर नम्फो में एक शिपयार्ड में युद्धपोतों के निर्माण का निरीक्षण करने के कुछ घंटों बाद दागी गई। बताया जाता है कि किम ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी की दिशा में आगत बढ़ने का आग्रह किया है।
दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता किम इनाए ने कहा कि यह संभवत: पहली बार है जब राज्य मीडिया ने उत्तर कोरियाई नेता को नम्फो में सैन्य-संबंधी निरीक्षण करने की सूचना दी है, क्योंकि देश का पूर्वी शिपयार्ड सिनपो उन्नत नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों के निर्माण का मुख्य केंद्र रहा है।
ताजा हालातों के अनुसार नेता किम अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के बढ़ते खतरों को देखते हुए अपने देश की नौसेना को परमाणु-सशस्त्र बनाने पर जोर दे रहे हैं।
दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता किम इनाए ने कहा कि यह संभवत: पहली बार है जब राज्य मीडिया ने उत्तर कोरियाई नेता को नम्फो में सैन्य-संबंधी निरीक्षण करने की सूचना दी है, क्योंकि देश का पूर्वी शिपयार्ड सिनपो उन्नत नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों के निर्माण का मुख्य केंद्र रहा है।
ताजा हालातों के अनुसार नेता किम अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के बढ़ते खतरों को देखते हुए अपने देश की नौसेना को परमाणु-सशस्त्र बनाने पर जोर दे रहे हैं।