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दक्षिण एशिया से संबंधों के दृढ़ीकरण के बीच बांग्लादेश ने भारत-प्रथम नीति की पुष्टि की
दक्षिण एशिया से संबंधों के दृढ़ीकरण के बीच बांग्लादेश ने भारत-प्रथम नीति की पुष्टि की
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जहां मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं एक अन्य दक्षिण एशियाई देश ने प्रमुख सहयोगी के रूप में भारत की भूमिका को मजबूत किया है।
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बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद के पिछले महीने कार्यभार संभालने के बाद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच बुधवार को नई दिल्ली में पहली मुलाकात हुई।भारत के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (BIMSTEC), हिन्द महासागर तटीय सहयोग संघ (IORA) और बांग्लादेश भूटान भारत नेपाल (BBIN) के नेटवर्क जैसे क्षेत्रीय ढांचे के भीतर दोनों देशों ने "उप-क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने" की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।ये सभी समूह दक्षिण एशियाई क्षेत्र में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए तैयार हैं।बांग्लादेश की विदेश नीति का 'मजबूत स्तंभ' है भारतअवामी लीग के आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए राजदूत ने कहा कि दोनों नेताओं ने कुछ जरूरी मुद्दों पर भी चर्चा की, जिसमें भारत-बांग्लादेश सीमा पर हत्याएं और तीस्ता नदी के जल बंटवारे का मुद्दा शामिल है।ढाका द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि महमूद ने नई दिल्ली से "बांग्लादेश के निर्यात के लिए टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को वापस लेने और विशेष रूप से रमजान के दौरान मूल्य स्थिरता बनाए रखने और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने" का आग्रह किया।"भारत, बांग्लादेश को शांतिपूर्ण और स्थिर दक्षिण एशिया की जरूरतप्रधान मंत्री के पूर्व सलाहकार ने कहा कि भारत बांग्लादेश के विकास और आर्थिक प्रगति को संभालता है।उन्होंने कहा कि नई दिल्ली बांग्लादेश के पक्ष में खड़ी रही है और उसकी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सराहना करती है, जबकि अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी शक्तियां पिछले महीने संपन्न संघीय चुनाव की आलोचना कर रही थीं।उन्होंने बताया कि पूर्व बांग्लादेश सूचना मंत्री के लिए यह यात्रा ‘मजबूत कामकाजी संबंध’ बनाने और भारतीय साझेदारों से अपना ‘परिचय कराने’ का मौका था।
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दक्षिण एशिया से संबंधों के दृढ़ीकरण के बीच बांग्लादेश ने भारत-प्रथम नीति की पुष्टि की
जहां मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं एक अन्य दक्षिण एशियाई देश ने प्रमुख सहयोगी के रूप में भारत की भूमिका को मजबूत किया है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद के पिछले महीने कार्यभार संभालने के बाद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच बुधवार को नई दिल्ली में पहली मुलाकात हुई।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री के बयान के अनुसार उनकी यात्रा का लक्ष्य ढाका और नई दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंध "अधिक गहरा और उच्च गुणवत्ता वाला" बनाना है। हसन महमूद का मानना यह है कि भारत बांग्लादेश का सबसे बड़ा विकास भागीदार और उसका निकटतम राजनीतिक और सुरक्षा साझेदार है।
भारत के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (BIMSTEC), हिन्द महासागर तटीय सहयोग संघ (IORA) और बांग्लादेश भूटान भारत नेपाल (BBIN) के नेटवर्क जैसे क्षेत्रीय ढांचे के भीतर दोनों देशों ने "उप-क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने" की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
ये सभी समूह
दक्षिण एशियाई क्षेत्र में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए तैयार हैं।
बांग्लादेश की विदेश नीति का 'मजबूत स्तंभ' है भारत
राजदूत मुहम्मद जमीर ने जो बांग्लादेश अवामी लीग के अंतरराष्ट्रीय मामलों की उप-समिति के प्रमुख हैं और बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में पूर्व सचिव रह चुके हैं ने Sputnik को बताया कि महमूद की पहली द्विपक्षीय यात्रा ने इस तथ्य की पुष्टि की कि नई दिल्ली ढाका की विदेश नीति का "मजबूत स्तंभ" बनी रहेगी।
“दक्षिण एशिया के प्रति दोनों देशों के अपने-अपने दृष्टिकोण हैं और इसे बाहरी प्रभाव से कैसे मुक्त रखा जाए इस पर काफी समानता है। दोनों देश पारस्परिक लाभ के लिए आर्थिक रूप से एकीकृत, जुड़े हुए और शांतिपूर्ण दक्षिण एशिया का समर्थन करते हैं,” जमीर ने बताया।
अवामी लीग के आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए राजदूत ने कहा कि दोनों नेताओं ने कुछ जरूरी मुद्दों पर भी चर्चा की, जिसमें भारत-बांग्लादेश सीमा पर हत्याएं और तीस्ता नदी के जल बंटवारे का मुद्दा शामिल है।
ढाका द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि महमूद ने नई दिल्ली से "बांग्लादेश के निर्यात के लिए टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को वापस लेने और विशेष रूप से रमजान के दौरान मूल्य स्थिरता बनाए रखने और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने" का आग्रह किया।"
जमीर ने कहा, "मुझे यकीन है कि दोनों देश इन मुद्दों को सुलझा पाएंगे। भारत बांग्लादेश का अच्छा पड़ोसी और अच्छे दोस्त के रूप में जाना जाता है और यह ऐसा ही रहेगा।"
भारत, बांग्लादेश को शांतिपूर्ण और स्थिर दक्षिण एशिया की जरूरत
बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना के पूर्व सलाहकार इकबाल शोभन चौधरी ने Sputnik India को बताया कि दोनों देश एक "शांतिपूर्ण" दक्षिण एशिया के पक्ष में हैं जहाँ हर देश की संप्रभुता का सम्मान किया जाता है।
"हम ‘शांतिपूर्ण’ दक्षिण एशिया क्षेत्र चाहते हैं, जहां हर देश क्षेत्र के विकास और प्रगति में भाग ले सकता है। अतिरिक्त-क्षेत्रीय शक्तियों सहित हर राष्ट्र को हमारे देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए", उन्होंने बताया।
प्रधान मंत्री के पूर्व सलाहकार ने कहा कि भारत बांग्लादेश के विकास और आर्थिक प्रगति को संभालता है।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली बांग्लादेश के पक्ष में खड़ी रही है और उसकी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सराहना करती है, जबकि
अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी शक्तियां पिछले महीने संपन्न संघीय चुनाव की आलोचना कर रही थीं।
चौधरी ने कहा, "भारत समझता है कि बांग्लादेश के विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करने से दक्षिण एशिया में उसकी रणनीतिक प्राथमिकताओं को सीधा लाभ मिलेगा। आर्थिक और राजनीतिक रूप से स्थिर बांग्लादेश भारत के राष्ट्रीय हित में है।"
उन्होंने बताया कि पूर्व बांग्लादेश सूचना मंत्री के लिए यह यात्रा ‘मजबूत कामकाजी संबंध’ बनाने और भारतीय साझेदारों से अपना ‘परिचय कराने’ का मौका था।