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दक्षिण एशिया में विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहा अमेरिका
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हाल के महीनों में एशियाई देशों ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा मुद्दों पर रिश्तों में कुछ खटास आ गई है।
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काबुल में ईरानी दूत हसन काज़ेमी कोमी ने दावा किया है कि अमेरिका इस्लामी पड़ोसियों ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच ऐसे समय में परेशानी पैदा कर रहा है जब तीनों देश अपने सीमा मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं और क्षेत्र में आतंकवाद के प्रसार को रोकने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि दाएश* एक अमेरिकी प्रॉक्सी था, जो क्षेत्र में सुरक्षा को बाधित करने की कोशिश कर रहा था।कोमी ने जोड़ा, "अमेरिका को सैन्य आक्रमण में पराजय का सामना करना पड़ा, परन्तु उनका उत्पात समाप्त नहीं हुआ। आज अमेरिका की प्रॉक्सी फोर्स यानी दाएश आतंकियों का मकसद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को बाधित करना है।"इसके अतिरिक्त, ईरानी राजनयिक ने क्षेत्र के भीतर शांति और स्थिरता बनाए रखने में क्षेत्रीय सुरक्षा गठबंधनों के महत्व पर जोर दिया। राजनयिक ने आगे कहा कि ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान को अपने विरोधियों द्वारा बिछाए गए जाल में नहीं फंसना चाहिए।दिलचस्प बात यह है कि उनकी यह टिप्पणी ईरान और पाकिस्तान द्वारा अपने क्षेत्रों के अंदर जैसे को तैसा तर्ज़ पर सैन्य सटीक हमले करने के कुछ सप्ताह बाद आई है।दूसरी ओर, ईरान ने इस सप्ताह की शुरुआत में दोनों संप्रभु राज्यों के बीच सीमा मुद्दों को हल करने के लिए अफगान अधिकारियों के साथ वार्ता की।*आईएसआईएस-के, दाएश (आईएस/आईएसआईएस/आईएसआईएल) रूस और अन्य देशों में प्रतिबंधित एक आतंकवादी संगठन है।
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दक्षिण एशिया में विवाद, काबुल में ईरानी दूत, सीमा मुद्दों को सुलझाने की कोशिश, आतंकवाद को रोकने के ठोस प्रयास, सुरक्षा विरोधी गतिविधि, सुरक्षा सहयोग की आवश्यकता, सैन्य आक्रमण में पराजय, संप्रभु राज्यों के बीच सीमा विवाद, क्षेत्र में शांति और व्यवस्था, क्षेत्रीय सुरक्षा गठबंधन, सैन्य आक्रमण में अमेरिका पराजय
दक्षिण एशिया में विवाद, काबुल में ईरानी दूत, सीमा मुद्दों को सुलझाने की कोशिश, आतंकवाद को रोकने के ठोस प्रयास, सुरक्षा विरोधी गतिविधि, सुरक्षा सहयोग की आवश्यकता, सैन्य आक्रमण में पराजय, संप्रभु राज्यों के बीच सीमा विवाद, क्षेत्र में शांति और व्यवस्था, क्षेत्रीय सुरक्षा गठबंधन, सैन्य आक्रमण में अमेरिका पराजय
दक्षिण एशिया में विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहा अमेरिका
19:27 15.02.2024 (अपडेटेड: 19:42 15.02.2024) हाल के महीनों में एशियाई देशों ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा मुद्दों पर रिश्तों में कुछ खटास आ गई है।
काबुल में ईरानी दूत हसन काज़ेमी कोमी ने दावा किया है कि अमेरिका इस्लामी पड़ोसियों ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच ऐसे समय में परेशानी पैदा कर रहा है जब तीनों देश अपने सीमा मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं और क्षेत्र में आतंकवाद के प्रसार को रोकने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं।
कोमी ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में संवाददाताओं से कहा, "आज हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिकी आतंकवादी, सुरक्षा विरोधी गतिविधियों और खुफिया योजनाओं के लिए पड़ोसी देशों की भूमि का दोहन करना चाह रहे हैं। इसलिए, तेहरान, इस्लामाबाद और काबुल सहित पड़ोसी देशों के बीच सुरक्षा सहयोग की आवश्यकता अपरिहार्य है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि दाएश* एक अमेरिकी प्रॉक्सी था, जो क्षेत्र में
सुरक्षा को बाधित करने की कोशिश कर रहा था।
कोमी ने जोड़ा, "अमेरिका को सैन्य आक्रमण में पराजय का सामना करना पड़ा, परन्तु उनका उत्पात समाप्त नहीं हुआ। आज अमेरिका की प्रॉक्सी फोर्स यानी दाएश आतंकियों का मकसद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को बाधित करना है।"
इसके अतिरिक्त, ईरानी राजनयिक ने क्षेत्र के भीतर
शांति और स्थिरता बनाए रखने में क्षेत्रीय सुरक्षा गठबंधनों के महत्व पर जोर दिया। राजनयिक ने आगे कहा कि ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान को अपने विरोधियों द्वारा बिछाए गए जाल में नहीं फंसना चाहिए।
कोमी ने कहा, "क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे, यह सभी क्षेत्रीय देशों की इच्छा और आवश्यकता है, जिससे उन दुश्मनों के इरादों पर पानी फिर जाएगा जो देशों के बीच संघर्ष, असुरक्षा और क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं।"
दिलचस्प बात यह है कि उनकी यह टिप्पणी ईरान और पाकिस्तान द्वारा अपने क्षेत्रों के अंदर जैसे को तैसा तर्ज़ पर सैन्य सटीक हमले करने के कुछ सप्ताह बाद आई है।
दूसरी ओर, ईरान ने इस सप्ताह की शुरुआत में दोनों संप्रभु राज्यों के बीच
सीमा मुद्दों को हल करने के लिए अफगान अधिकारियों के साथ वार्ता की।
*आईएसआईएस-के, दाएश (आईएस/आईएसआईएस/आईएसआईएल) रूस और अन्य देशों में प्रतिबंधित एक आतंकवादी संगठन है।