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RudraM-III मिसाइल को सुखोई और तेजस में लैस करना सामरिक दृष्टि से बेहतर विकल्प: विशेषज्ञ
RudraM-III मिसाइल को सुखोई और तेजस में लैस करना सामरिक दृष्टि से बेहतर विकल्प: विशेषज्ञ
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भारतीय वायु सेना नई पीढ़ी की एंटी रेडिएशन मिसाइल RUDRAM-III के कैप्टिव उड़ान परीक्षणों को सक्षम करने के लिए Su-30MKI विमान में संशोधन पूरा कर लिया है।
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RudraM-III श्रृंखला भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए देश की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया जा रहा है। RudraM और RudraM-आईआईएल पहले ही अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर चुकी हैं, यह मिसाइल भारतीय वायु सेना की हवा से सतह पर मार करने की क्षमता को और बढ़ाती है। इस मुद्दे पर Sputnik India ने MP-IDSA में एसोसिएट फ़ेलो डॉ. राजीव नयन से बात की ।नई पीढ़ी की एंटी रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम) को SU-30MKI लड़ाकू विमान से 9 अक्टूबर 2020 को ओडिशा के तट के व्हीलर द्वीप पर स्थित पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। भारतीय वायु सेना के लिए सुखोई हमेशा से एक सक्षम लड़ाकू विमान रहा है।रिपोर्ट के अनुसार RudraM-III का वजन लगभग 1.6 टन है, और 0.9 मैक पर 11 किमी की ऊंचाई से लॉन्च होने पर लगभग 600 किमी की आश्चर्यजनक रेंज प्रदान कर सकता है। यह अपने पूर्ववर्तियों, RudraM और RudraM-II से आगे निकल जाती है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 300 किमी की थी। RudraM-III की मारक क्षमता भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक क्षमताओं का विस्तार करेगी।शुरुआत में Su-30MKI में RudraM-III को ले जाने के लिए स्वीकृत एकमात्र प्लेटफॉर्म होगा, लेकिन आने वाले दिनों में तेजस-MK2 को RudraM-आईएल और RudraM-III दोनों वेरिएंट से लैस करने की योजना है।RudraM-III सीमा से दूर रडार प्रतिष्ठानों, बंकरों, हवाई पट्टियों और एयर हैंगर सहित विभिन्न लक्ष्यों पर हमला कर सकता है।
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RudraM-III मिसाइल को सुखोई और तेजस में लैस करना सामरिक दृष्टि से बेहतर विकल्प: विशेषज्ञ
18:13 23.02.2024 (अपडेटेड: 19:46 23.02.2024) भारतीय वायु सेना नई पीढ़ी की एंटी रेडिएशन मिसाइल RudraM-III के कैप्टिव उड़ान परीक्षणों को सक्षम करने के लिए Su-30MKI विमान में संशोधन पूरा कर लिया है।
RudraM-III श्रृंखला भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए देश की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
RudraM और RudraM-आईआईएल पहले ही अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर चुकी हैं, यह मिसाइल भारतीय वायु सेना की हवा से सतह पर मार करने की क्षमता को और बढ़ाती है। इस मुद्दे पर Sputnik India ने MP-IDSA में एसोसिएट फ़ेलो डॉ. राजीव नयन से बात की ।
राजीव नयन ने Sputnik India को बताया, "भारत ने पहले भी RudraM-I और RudraM-II का सफलतापूर्वक परीक्षण कर चुका है। हर चीज की एक अलग अलग पैरामीटर होते हैं और उसी के अनुसार परीक्षण किया जाता है। किसी भी परीक्षण को सफल मानने के लिए कम से कम 3 बार उसके प्रमाण माने जाते हैं। RudraM-III के लिए एक पैरामीटर तय की गई होगी। नई तकनीक, प्रोड्योगिकी का एक सेट तैयार किया होगा, जिसे परीक्षण के दौरान यह देखा जाएगा की उसपर वह खरे उतरे या नहीं। लगातार 3 परीक्षण के बाद अगर रिजल्ट एक ही तरह का आता है, तो उसे सफल माना जाएगा।"
नई पीढ़ी की एंटी रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम) को
SU-30MKI लड़ाकू विमान से 9 अक्टूबर 2020 को ओडिशा के तट के व्हीलर द्वीप पर स्थित पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। भारतीय वायु सेना के लिए सुखोई हमेशा से एक सक्षम लड़ाकू विमान रहा है।
राजीव नयन ने बताया, "SU-30MKI भारत का अग्रणी लड़ाकू विमान रहा है, भारत के पास तेजस, राफेल भी हैं, लेकिन SU-30MKI की क्षमता इनसे बहुत अधिक है तभी इन्हें अलग अलग मिसाइलों के साथ लैस किया जा रहा है, साथ ही इनके साथ ही उच्च स्तर के मिसाईल का परीक्षण किया जाता है। ब्रह्मोस जैसे मिसाइल की भी परीक्षण कुछ दिनों पहले SU-30MKI के साथ किया जा चुका है। भारत अपने मिशन के हिसाब से इनका उपयोग कर सकता है।"
रिपोर्ट के अनुसार RudraM-III का वजन लगभग 1.6 टन है, और 0.9 मैक पर 11 किमी की ऊंचाई से लॉन्च होने पर लगभग 600 किमी की आश्चर्यजनक रेंज प्रदान कर सकता है। यह अपने पूर्ववर्तियों, RudraM और RudraM-II से आगे निकल जाती है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 300 किमी की थी। RudraM-III की मारक क्षमता भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक क्षमताओं का विस्तार करेगी।
शुरुआत में Su-30MKI में RudraM-III को ले जाने के लिए स्वीकृत एकमात्र प्लेटफॉर्म होगा, लेकिन आने वाले दिनों में तेजस-MK2 को RudraM-आईएल और RudraM-III दोनों वेरिएंट से लैस करने की योजना है।
नयन ने कहा, "Su-30MKI और स्वदेशी तेजस-MK2 के साथ RUDRAM-III मिसाईल को लैस करना भारतीय वायु सेना के लिए सामरिक दृष्टिकोण से एक बहुत अच्छा साबित होगा। अत्याधुनिक मिसाइल, जिनकी अच्छी रेंज होती है, साथ ही जिसकी सटीकता अच्छी हो, उसे हमेशा से अग्रणी लड़ाकू विमान में लगाया जाता है। ये दोनों विमानों का दुश्मनों के कठिन से कठिन इलाकों में जाकर उनके ठिकानों को ध्वस्त कर सकते हैं। दुश्मनों के रडार में आए बिना हम दूर से ही मिसाइल को प्री-प्रोग्रामिंग करके छोड़ सकते हैं।"
RudraM-III सीमा से दूर रडार प्रतिष्ठानों, बंकरों, हवाई पट्टियों और एयर हैंगर सहित विभिन्न लक्ष्यों पर हमला कर सकता है।