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भारत के स्काईरूट ने विक्रम-1 रॉकेट के दूसरे चरण का किया सफल परीक्षण
भारत के स्काईरूट ने विक्रम-1 रॉकेट के दूसरे चरण का किया सफल परीक्षण
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भारत के अंतरिक्ष स्टार्ट-अप स्काईरूट ने गुरुवार को कहा कि उसने विक्रम-1 रॉकेट के चरण-2 का परीक्षण किया है
2024-03-28T18:50+0530
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कंपनी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, विक्रम-1 प्रक्षेपण यान का चरण-2, जिसे कलाम-250 कहा जाता है। यह मोटर एक उच्च शक्ति वाले कार्बन मिश्रित सामग्रियों से निर्मित है, जो रॉकेट को वायुमंडलीय क्षेत्र से बाह्य अंतरिक्ष के गहरे निर्वात तक ले जाएगी।आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रणोदन परीक्षण स्थल पर कलाम-250 का परीक्षण 85 सेकंड तक चला।इसके अलावा, उन्होंने कहा, "सभी परीक्षण पैरामीटर अपेक्षित सीमा के भीतर हैं और यह उपलब्धि हमें विक्रम -1 रॉकेट के आगामी कक्षीय प्रक्षेपण के समीप एक कदम और समीप ले जाती है।"दरअसल, कलाम-250 एक उच्च शक्ति वाला कार्बन मिश्रित रॉकेट मोटर है, जो ठोस ईंधन और उच्च प्रदर्शन वाले एथिलीन-प्रोपलीन-डायन टेरपोलिमर (EPDM) थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (TPS) का उपयोग करता है।स्काईरूट ने इससे पहले विक्रम-1 के तीसरे चरण कलाम-100 का परीक्षण किया था। जून 2021 में किया गया यह परीक्षण सभी मापदंडों पर पूरी तरह सफल रहा था।बता दें कि स्काईरूट नवंबर 2022 में विक्रम-एस का परीक्षण करके सब-ऑर्बिटल रॉकेट लॉन्च करने वाली भारत की पहली निजी कंपनी बन गई।
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भारत के स्काईरूट ने विक्रम-1 रॉकेट के दूसरे चरण का किया सफल परीक्षण
18:50 28.03.2024 (अपडेटेड: 19:29 28.03.2024) भारत के अंतरिक्ष स्टार्ट-अप स्काईरूट ने गुरुवार को कहा कि उसने विक्रम-1 रॉकेट के चरण-2 का परीक्षण किया है, जिससे इस वर्ष के अंत तक एक उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने की संभावना है।
कंपनी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, विक्रम-1 प्रक्षेपण यान का चरण-2, जिसे कलाम-250 कहा जाता है। यह मोटर एक उच्च शक्ति वाले कार्बन मिश्रित सामग्रियों से निर्मित है, जो रॉकेट को वायुमंडलीय क्षेत्र से बाह्य अंतरिक्ष के गहरे निर्वात तक ले जाएगी।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (
ISRO) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रणोदन परीक्षण स्थल पर कलाम-250 का परीक्षण 85 सेकंड तक चला।
हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी पवन चंदना ने कहा, "यह भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भारतीय निजी क्षेत्र द्वारा डिजाइन और निर्मित अब तक की सबसे बड़ी प्रणोदन प्रणाली के सफल परीक्षण और इसरो में परीक्षण की गई पहली कार्बन-मिश्रित-निर्मित मोटर का प्रतीक है।"
इसके अलावा, उन्होंने कहा, "सभी परीक्षण पैरामीटर अपेक्षित सीमा के भीतर हैं और यह उपलब्धि हमें विक्रम -1 रॉकेट के आगामी
कक्षीय प्रक्षेपण के समीप एक कदम और समीप ले जाती है।"
दरअसल, कलाम-250 एक उच्च शक्ति वाला कार्बन मिश्रित रॉकेट मोटर है, जो ठोस ईंधन और उच्च प्रदर्शन वाले एथिलीन-प्रोपलीन-डायन टेरपोलिमर (EPDM) थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (TPS) का उपयोग करता है।
स्काईरूट ने इससे पहले विक्रम-1 के तीसरे चरण कलाम-100 का परीक्षण किया था। जून 2021 में किया गया यह परीक्षण सभी मापदंडों पर पूरी तरह सफल रहा था।
बता दें कि स्काईरूट नवंबर 2022 में विक्रम-एस का परीक्षण करके
सब-ऑर्बिटल रॉकेट लॉन्च करने वाली भारत की पहली निजी कंपनी बन गई।