विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

चुनौतियों के बावजूद भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में देश की विशेषज्ञता साबित की: नौसेना प्रमुख

© AP PhotoThis image provided by the Indian Space Research Organisation (ISRO) shows the Aditya-L1 spacecraft lifts off on board a satellite launch vehicle from the space center in Sriharikota, India, Saturday, Sept. 2, 2023.
This image provided by the Indian Space Research Organisation (ISRO) shows the Aditya-L1 spacecraft lifts off on board a satellite launch vehicle from the space center in Sriharikota, India, Saturday, Sept. 2, 2023.  - Sputnik भारत, 1920, 18.04.2024
सब्सक्राइब करें
भारतीय नौसेना प्रमुख ने इंडियन डेफस्पेस सिम्पोजियम 2024 को संबोधित करते हुए कहा कि देश का अंतरिक्ष क्षेत्र बहुत तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने हाल के सालों में दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है, वैज्ञानिकों की इसी क्षमता को देखते हुए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने गुरुवार को कहा कि अनगिनत चुनौतियों और प्रौद्योगिकी से इनकार के बावजूद, देश के वैज्ञानिकों ने भारत की अंतरिक्ष में विशेषज्ञता को साबित किया है।
उन्होंने आगे बताया कि भारतीय रक्षा अंतरिक्ष सिम्पोजियम का इससे अधिक सही समय नहीं हो सकता, जब देश ने मंगल, चंद्रमा और सूर्य के मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं।

"हम उन कुछ देशों में से एक हैं जिन्होंने एक संपूर्ण अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। भारत अंतरिक्ष क्षेत्र तेजी से 20 वीं सदी के सबसे गतिशील और परिभाषित प्रयासों में से एक के रूप में विकसित हो रहा है, जो अंतरिक्ष में विकास निवेश के लिए बढ़ते अवसरों की पेशकश कर रहा है," आर हरि कुमार ने कहा।

एडमिरल कुमार आगे बताते हैं कि "कितने देशों ने मंगल और चंद्रमा पर सफल मिशन शुरू किए हैं और स्वदेशी विमानवाहक पोत बनाए हैं? वास्तव में, यह एक संबद्ध दृष्टिकोण है, जो केवल भारत, अमेरिका, रूस और चीन के लिए है।"
 INS Vikrant  - Sputnik भारत, 1920, 28.02.2024
डिफेंस
भारतीय नौसेना का बहुराष्ट्रीय अभ्यास 'मिलन' INS विक्रांत पर संपन्न हुआ
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала