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भारत से यूक्रेन शांति फॉर्मूले को नहीं मिल रहा समर्थन: रूसी राजदूत
भारत से यूक्रेन शांति फॉर्मूले को नहीं मिल रहा समर्थन: रूसी राजदूत
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भारत में रूसी राजदूत ने कहा कि नई दिल्ली यूक्रेन संघर्ष के असली कारणों को समझता है और बातचीत व कूटनीति के जरिए संकट सुलझाने की बात कर रहा है।
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भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने 27 अप्रैल को रूसी पत्रिका इंटरनेशनल अफेयर्स को इंटरव्यू देते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की ओर से 2022 में प्रस्तावित शांति फॉर्मूले का उपहास उड़ाया और कहा कि भारत इस योजना का समर्थन नहीं करता है।आगे राजदूत ने कहा कि यूक्रेन ने भारत को ऐसी बैठकों में हिस्सा लेने के लिए कई आमंत्रण संदेश भेजे हैं जहां यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगी ग्लोबल साउथ के देशों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करते हैं। वे यह चाहते हैं कि ज़ेलेंस्की की इस योजना को वैधता मिल जाए। अलीपोव ने कहा कि भारत इस जाल में नहीं फंसा, क्योंकि वह संघर्ष के असली कारणों को जनता है और बातचीत व कूटनीति के माध्यम से संकट सुलझाने की बात कर रहा है।
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भारत से यूक्रेन शांति फॉर्मूले को नहीं मिल रहा समर्थन: रूसी राजदूत
15:42 28.04.2024 (अपडेटेड: 15:44 28.04.2024) भारत में रूसी राजदूत ने कहा कि नई दिल्ली यूक्रेन संघर्ष के असली कारणों को समझता है और बातचीत व कूटनीति के जरिए संकट सुलझाने की बात कर रहा है।
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने 27 अप्रैल को रूसी पत्रिका इंटरनेशनल अफेयर्स को इंटरव्यू देते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की ओर से 2022 में प्रस्तावित शांति फॉर्मूले का उपहास उड़ाया और कहा कि भारत इस योजना का समर्थन नहीं करता है।
अलीपोव ने कहा, "मुझे विश्वास है कि नई दिल्ली इस बात से पूरी तरह अवगत है कि यह फार्मूला अव्यावहारिक है और इसका शांति से कोई लेना-देना नहीं है। भारतीय इस बात पर जोर देते हैं कि बिना रूस के हितों को ध्यान में रखे यूक्रेन में संघर्ष सुलझाने का कोई भी प्रयास निरर्थक है।"
आगे राजदूत ने कहा कि यूक्रेन ने भारत को ऐसी बैठकों में हिस्सा लेने के लिए
कई आमंत्रण संदेश भेजे हैं जहां यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगी ग्लोबल साउथ के देशों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करते हैं। वे यह चाहते हैं कि ज़ेलेंस्की की इस योजना को वैधता मिल जाए।
अलीपोव ने कहा कि भारत इस जाल में नहीं फंसा, क्योंकि वह संघर्ष के असली कारणों को जनता है और बातचीत व कूटनीति के माध्यम से संकट सुलझाने की बात कर रहा है।
अलीपोव ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, "यह (भारत) मौलिक रूप से समान दूरी की स्थिति का पालन करता है, जिससे रूस और पश्चिम दोनों के साथ रचनात्मक संवाद बनाए रखना संभव हो जाता है।"