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भारतीय रक्षा क्षेत्र अग्रिम 8 वर्षों में 138 अरब डॉलर का निवेश करेगा: रिपोर्ट
भारतीय रक्षा क्षेत्र अग्रिम 8 वर्षों में 138 अरब डॉलर का निवेश करेगा: रिपोर्ट
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रक्षा क्षेत्र का महत्वपूर्ण विस्तार बढ़ते बजट आवंटन, आधुनिकीकरण और "मेक इन इंडिया" जैसी पहल के माध्यम से घरेलू उत्पादन पर सरकार के जोर से प्रेरित है।
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विदेशी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रक्षा क्षेत्र 2024-2032 के वित्तीय वर्षों के दौरान लगभग 138 अरब डॉलर के अनुबंध हस्ताक्षरित करने की योजना बना रहा है।रिपोर्ट में इस पर ज़ोर दिया कि भारत के रक्षा व्यय में महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना है, जो वित्तीय वर्ष 2030 तक 37 प्रतिशत तक बढ़त प्राप्त करने वाला है,जो कि वित्तीय वर्ष 2025 में अनुमानित 29 प्रतिशत से उल्लेखनीय स्तर की वृद्धि है।विदेशी कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा क्षेत्र एयरोस्पेस और जहाज निर्माण के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करता है। एयरोस्पेस क्षेत्र में निवेश का 50 अरब डॉलर हैं, जिसमें विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, एवियोनिक्स और संबंधित प्रणालियाँ सम्मिलित हैं। साथ ही रक्षा जहाज निर्माण में नौसैनिक जहाजों, पनडुब्बियों, टोही नौकाओं और समुद्री जहाजों में 38 अरब डॉलर की निवेश क्षमता है।यह 2024-2030 के वित्तीय वर्षों के दौरान 15.5 ट्रिलियन रुपये के कुल पूंजी निवेश को निर्धारित करता है।रिपोर्ट में इस पर भी बल दिया गया कि भारत का रक्षा निर्यात भी बढ़ने और 29 अरब डॉलर के मूल्य तक पहुंचने की संभवना है, मिसाइलों, तोपें और बंदूक प्रणालियों में निवेश 21 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।भारत के सबड़े बड़े उत्पादकों में से एक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों में मजबूत बढ़त प्राप्त की है, जिससे इसके शेयरों में 28 प्रतिशत की संभावित बढ़ोतरी हुई है।इसी समय भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने ऑर्डर प्रवाह पर बेहतर दृश्यता, अनुकूल मार्जिन देने में विश्वास और रिटर्न अनुपात में विस्तार के कारण 32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आशाजनक क्षमता दिखाई देती है।
https://hindi.sputniknews.in/20240510/production-of-brahmos-missile-will-start-in-lucknow-from-2026-indias-defence-minister-7337864.html
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भारत सरकार, भारत का रक्षा क्षेत्र, भारतीय निवेश, मेक इन इंडिया, वित्तीय वर्ष, एयरोस्पेस, जहाज निर्माण, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, hal, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारत के रक्षा पूंजी व्यय में वृद्धि
भारत सरकार, भारत का रक्षा क्षेत्र, भारतीय निवेश, मेक इन इंडिया, वित्तीय वर्ष, एयरोस्पेस, जहाज निर्माण, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, hal, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारत के रक्षा पूंजी व्यय में वृद्धि
भारतीय रक्षा क्षेत्र अग्रिम 8 वर्षों में 138 अरब डॉलर का निवेश करेगा: रिपोर्ट
रक्षा क्षेत्र का महत्वपूर्ण विस्तार बढ़ते बजट आवंटन, आधुनिकीकरण और "मेक इन इंडिया" जैसी पहल के माध्यम से घरेलू उत्पादन पर सरकार के जोर से प्रेरित है।
विदेशी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रक्षा क्षेत्र 2024-2032 के वित्तीय वर्षों के दौरान लगभग 138 अरब डॉलर के अनुबंध हस्ताक्षरित करने की योजना बना रहा है।
रिपोर्ट में इस पर ज़ोर दिया कि भारत के रक्षा व्यय में महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना है, जो वित्तीय वर्ष 2030 तक 37 प्रतिशत तक बढ़त प्राप्त करने वाला है,जो कि वित्तीय वर्ष 2025 में अनुमानित 29 प्रतिशत से उल्लेखनीय स्तर की वृद्धि है।
नोमुरा कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया "भारत सरकार स्थानीय विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए पहल, अनुकूल नीति सुधारों और प्रोत्साहनों के माध्यम से रक्षा क्षेत्र को सक्रिय रूप से समर्थन प्रदान करती है।"
विदेशी कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा क्षेत्र एयरोस्पेस और जहाज निर्माण के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करता है।
एयरोस्पेस क्षेत्र में निवेश का 50 अरब डॉलर हैं, जिसमें विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, एवियोनिक्स और संबंधित प्रणालियाँ सम्मिलित हैं। साथ ही
रक्षा जहाज निर्माण में नौसैनिक जहाजों, पनडुब्बियों, टोही नौकाओं और समुद्री जहाजों में 38 अरब डॉलर की निवेश क्षमता है।यह 2024-2030 के वित्तीय वर्षों के दौरान 15.5 ट्रिलियन रुपये के कुल पूंजी निवेश को निर्धारित करता है।
रिपोर्ट में इस पर भी बल दिया गया कि भारत का रक्षा निर्यात भी बढ़ने और 29 अरब डॉलर के मूल्य तक पहुंचने की संभवना है, मिसाइलों, तोपें और बंदूक प्रणालियों में निवेश 21 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
भारत के सबड़े बड़े उत्पादकों में से एक
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों में मजबूत बढ़त प्राप्त की है, जिससे इसके शेयरों में 28 प्रतिशत की संभावित बढ़ोतरी हुई है।
इसी समय
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने ऑर्डर प्रवाह पर बेहतर दृश्यता, अनुकूल मार्जिन देने में विश्वास और रिटर्न अनुपात में विस्तार के कारण 32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आशाजनक क्षमता दिखाई देती है।