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इसरो प्रमुख ने HAL की नई सुविधा का किया उद्घाटन, रॉकेट निर्माण को मिलेगा बढ़ावा

© Photo : Social MediaISRO launches INSAT-3DS to enhance ocean observations
ISRO launches INSAT-3DS to enhance ocean observations - Sputnik भारत, 1920, 05.06.2024
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भारतीय मीडिया के अनुसार, ये सुविधाएं विशेष रूप से भारत के सबसे भारी और शक्तिशाली रॉकेट प्रक्षेपण यान मार्क-3 (LVM3) के लिए इसरो की बढ़ती उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के एयरोस्पेस प्रभाग में अत्याधुनिक प्रणोदक टैंक उत्पादन और कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल (CNC) मशीनिंग सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिससे देश की रॉकेट निर्माण क्षमता में वृद्धि होगी।

"वर्तमान में मौजूदा क्षमता प्रति वर्ष केवल दो LVM3 प्रक्षेपण की अनुमति देती है, जबकि इसरो की आवश्यकता प्रति वर्ष छह प्रक्षेपण की है," एचएएल द्वारा बुधवार को जारी बयान में कहा गया।

बयान में कहा गया है कि ये सुविधाएं एचएएल को प्रति वर्ष छह LVM3 रॉकेटों के उत्पादन के लिए पर्याप्त महत्वपूर्ण घटकों का निर्माण करने में मदद करेंगी।
इस बीच सोमनाथ ने कहा कि "एचएएल इसरो के भविष्य के मिशनों में बड़ी भूमिका निभाएगा, इसलिए उसे उभरती प्रौद्योगिकियों, चुनौतियों का डिजाइन तैयार करने और इसरो पर दबाव कम करने के लिए शुरू से अंत तक के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"
गौरतलब है कि LVM3, जिसे जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क III (GSLV Mk III) के नाम से भी जाना जाता है, एक तीन-चरणीय भारी-भरकम लॉन्च व्हीकल है जिसे जियोस्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट और उससे आगे सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 8 मीट्रिक टन तक के पेलोड को लो अर्थ ऑर्बिट और 4 मीट्रिक टन तक के पेलोड को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट तक ले जाने में सक्षम है।
ISRO conducts successful ignition test for boosting LVM3's capacity - Sputnik भारत, 1920, 06.05.2024
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