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भारत की पहली स्वदेशी सबमशीन गन अस्मि के पीछे कहानी जानें

© Photo : Armament Research and Development Establishment of DRDOSubmachine gun made by Hyderabad company ASMI. Armament Research and Development Establishment of DRDO.
Submachine gun made by Hyderabad company ASMI. Armament Research and Development Establishment of DRDO. - Sputnik भारत, 1920, 08.07.2024
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विशेष
भारतीय सेना को अपनी पहली स्वदेशी सबमशीन गन सितंबर से मिलनी शुरू हो जाएगी।
स्वदेशी सबमशीन गन अस्मि की कल्पना भारतीय सेना की इंफेंट्री के ही एक कर्नल ने की और केवल 36 महीनों में भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने इसे आकार दे दिया।
इसे बनाने वाले कर्नल प्रसाद बनसोड़ ने Sputnik भारत को बताया कि दुनिया में ऐसा कम ही होता है कि केवल 53 श्रम दिवसों में कोई नया हथियार बना लिया गया हो।
अभी भारतीय सेना इस श्रेणी के हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भर रहती है। भारतीय सेना को आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में छोटे कैलिबर के हथियारों की आवश्यकता होती है जिनका इस्तेमाल तंग जगहों में किया जा सके। सेना के अलावा महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा में लगे सैनिक, राज्यों और केंद्र के पुलिस बलों के अलावा एंटी हाईजैकिंग कार्रवाइयों में भी छोटे कैलिबर के हथियारों का प्रयोग होता है।

कर्नल प्रसाद ने कहा, " सेना को बड़े पैमाने पर छोटे हथियारों की ज़रूरत होती है, ये सैनिक के व्यक्तिगत हथियार की तरह भी इस्तेमाल किए जाते हैं। मेरी डिज़ाइन पर डीआरडीओ ने बहुत मेहनत से काम किया। हथियार को सेना ने खरीद प्रक्रिया से गुज़ारा और सारे परीक्षण किए। इसमें सफल होने के बाद सेना ने 550 अस्मि सबमशीन गन का पहला ऑर्डर दिया।"

भारत बहुत तेज़ी से हथियारों के आयातक से निर्यातक बनने की दिशा में बढ़ रहा है। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता इस दिशा में पहला कदम है। अस्मि को सेना के अलावा पुलिस और अर्धसैनिक बलों को भी दिया जाएगा।

कर्नल प्रसाद ने कहा, "हम इसकी तकनीक सरकारी और निजी कंपनियों से भी साझा करेंगे ताकि वे भविष्य में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन कर सकें। अपनी आवश्यकता पूरी करने के बाद हम इसका निर्यात भी कर सकते हैं।"

कर्नल प्रसाद AK 47 बनाने वाले मिखाइल कलाश्निकोव को अपनी प्रेरणा मानते हैं। उन्होंने कहा कि अगर मैं उनके किए गए काम का एक छोटा सा हिस्सा भी कर पाया तो मैं अपने को सौभाग्यशाली मानूंगा।
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