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भारतीय रेलवे परिवर्तन: आधुनिक चुनौतियों पर रूसी TMH की प्रतिक्रिया

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 - Sputnik भारत, 1920, 08.07.2024
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भारतीय रेलवे विश्व की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है। वित्त वर्ष 2022-23 में उस पर यात्रियों की संख्या 80% से अधिक बढ़कर 6.23 बिलियन हो गई, इसलिए आजकल भारतीय रेलवे को परिवर्तन की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है। रूसी कंपनी ट्रांसमैशहोल्डिंग को वंदे भारत इलेक्ट्रिक ट्रेनों की नई पीढ़ी के विकास और उत्पादन का काम सौंपा गया था।
फिच रेटिंग्स के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में लगातार तीन तिमाहियों में भारत की जीडीपी 8% से ऊपर बढ़ी। अभी भी भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। विशेषज्ञों के अनुसार, निकट भविष्य में यह विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की सूची में तीसरे या दूसरे स्थान पर भी पहुँचने वाली है।
ऐसी सफलता पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्तों में से एक आधुनिक, स्थिर और सुरक्षित परिवहन प्रणाली है , जिसके लिए ट्रांसमैशहोल्डिंग (TMH) के पास एक समाधान है।

रूसी कंपनी TMH ने मार्च 2023 में वंदे भारत (1.920 डिब्बे) 120 लंबी दूरी की इलेक्ट्रिक ट्रेनों के उत्पादन और 35 वर्ष के रखरखाव के लिए टेंडर जीता। पिछले वर्ष सितंबर में भारतीय रेलवे और ट्रांसमैशहोल्डिंग द्वारा भारतीय RVNL के साथ साझेदारी में स्थापित संयुक्त उद्यम के मध्य एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

जून की अंत में महाराष्ट्र के शहर लातूर में स्थित संयंत्र TMH के संचालन में साउप दिया गया था, जो नई इलेक्ट्रिक ट्रेनों के उत्पादन के लिए आधुनिक असेंबली लाइन से सुसज्जित होगा। साथ ही, रूसी कंपनी द्वारा हैदराबाद में एक इंजीनियरिंग केंद्र लॉन्च किया गया है और उपकरणों के बाद के रखरखाव के लिए दिल्ली, जोधपुर और बेंगलुरु में तीन सेवा डिपो का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
TMH स्थानीय विनिर्माण को विकसित करके क्षेत्रीय आपूर्तिकर्ताओं को समर्थन देकर और स्थानीय कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाकर भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे में सुधार करना जारी रखेगा।

यात्रियों के लिए अधिक आराम और सुरक्षा

ट्रांसमैशहोल्डिंग उत्पादन प्रक्रियाओं में उन्नत प्रौद्योगिकियों का परिचय देता है। उदाहरण के लिए, स्थिर और सफल रेल सेवाओं की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करने के लिए वंदे भारत ट्रेनें पुनर्योजी ब्रेकिंग और ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक सिस्टम से सुसज्जित हैं।
वंदे भारत की लंबी दूरी की नई ट्रेनें नए स्तर की सुविधा प्रदान करने वाले हैं, जिससे यात्रा का समय बहुत कम हो जाएगा। वितरित ऊर्जा प्रणाली के माध्यम से इन ट्रेनें को 160 किमी प्रति घंटे की गति देने में सक्षम होंगे।
नई ट्रेनों में बेहतर ध्वनि इन्सुलेशन, स्वचालित प्रवेश और निकास द्वार, विकलांग लोगों के लिए सुसज्जित सोने के स्थान और शौचालय, सेंसर दरवाजे और धूल एवं गंदगी को केबिन में प्रवेश करने से रोकने वाले सीलबंद अंतर-कार मार्ग सम्मिलित हैं।
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 - Sputnik भारत, 1920, 07.07.2024

भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास की शक्ति

TMH ‘विकसित भारत @2047’ अभियान के अंतर्गत आधुनिक और विकसित भारत के निर्माण के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान भी देता है। रूसी कंपनी विशेष रूप से लातूर में रोजगार के अवसर उत्पन्न करते हुए स्थानीय जनता के जीवन स्तर में सुधार और आर्थिक विकास बढ़ावा देने में सहायता करती है।
पूरे भारत में वंदे भारत और भविष्य की पहल का समर्थन करने के लिए ट्रांसमैशहोल्डिंग द्वारा एक और रणनीतिक कदम यह हैदराबाद में एक इंजीनियरिंग केंद्र लॉन्च करना है। यह कंपनी 10.000 से अधिक लोगों को काम प्रदान करते हुए स्थानीय जनता के रोजगार और रेलवे उद्योग के विकास में योग देती है।
‘विकसित भारत @2047’ यह देश विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान है, जिसका लक्ष्य 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।
भारतीय रेलवे को लेकर 2047 तक आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते हुए भारतीय रेलवे रेल परिवहन क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की आशा है।

शैक्षिक परियोजनाओं के लिए सहायता

TMH ने भारत-रूस के मध्य पहले शैक्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जो नई दिल्ली में स्थित रशियन हाउस में 11 अप्रैल को भारत में रूस के दूतावास के सहयोग से रोसोट्रूडनिचेस्टवो द्वारा आयोजित किया गया था।
भारत-रूस शैक्षिक शिखर सम्मेलन में TMH कॉरपोरेट यूनिवर्सिटी समेत 60 से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि और रूस और भारत में उच्च शिक्षा के प्रतिनिधि, राजनयिक, राजनेता, वैज्ञानिक, व्यवसायी सहित 100 से अधिक वक्ता व प्रतिनिधि सम्मिलित थे।
शिखर सम्मेलन के दौरान रूस-भारत-ब्रिक्स स्तर पर व्यापक सहयोग के विकास में उच्च शिक्षा की भूमिका, रूसी विश्वविद्यालयों के भारतीय स्नातकों के लिए कैरियर के अवसर, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में रूस और भारत के मध्य सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की गई।
बता दें कि रूसी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि ने अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप और छात्र आदान-प्रदान की प्रथा को पुनर्स्थापित करने के महत्व पर ध्यान आकर्षित किया।
साथ ही, 12 अप्रैल को रूसी विश्वविद्यालयों की एक प्रदर्शनी हुई, जिसके दौरान मास्को, सेंट पीटर्सबर्ग, साइबेरिया, उरल्स और अन्य क्षेत्रों के 60 रूसी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने अपने कार्यक्रमों के बारे में बात की।
इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालयों की प्रदर्शनी में TMH और सम्राट अलेक्जेंडर प्रथम का सेंट पीटर्सबर्ग राज्य परिवहन विश्वविद्यालय का एक संयुक्त परियोजना ‘उन्नत इंजीनियरिंग स्कूल’ प्रस्तुत किया गया।
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