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भारत को बढ़ती जनसंख्या से कैसे लाभ हो सकता है?

© AP Photo / Ajit SolankiIndians crowd ticket counters at the railway station in Ahmadabad, India, Oct. 23, 2011.
Indians crowd ticket counters at the railway station in Ahmadabad, India, Oct. 23, 2011. - Sputnik भारत, 1920, 12.07.2024
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पिछले वर्ष भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया।
संयुक्त राष्ट्र (UN) की नवीनतम रिपोर्ट में भारत की जनसंख्या 1.45 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।
UN की विश्व जनसंख्या संभावना 2024 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत पूरी सदी में दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2060 के बाद भारत की जनसंख्या में गिरावट आएगी।
एक जनसंख्या विशेषज्ञ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के लिए बढ़ती जनसंख्या का लाभ उठाने के लिए रोजगार सृजन में निवेश करना महत्वपूर्ण है।

बढ़ती जनसंख्या से भारत को लाभ

अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (IIPS) के एक शोधकर्ता नंदलाल मिश्रा ने Sputnik India को बताया कि जनसंख्या बढ़ने से देश को लाभ होगा, क्योंकि आने वाले वर्षों में अधिकांश आबादी कामकाजी आयु वर्ग में होगी।
उन्होंने तर्क दिया कि यद्यपि भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) प्रतिस्थापन स्तर से नीचे आ गई है, फिर भी जनसंख्या में गिरावट की दर के कारण 2060 तक जनसंख्या में वृद्धि जारी रहेगी।

मिश्रा ने कहा, "भारत 2050 तक अपने जनसांख्यिकीय लाभांश से लाभान्वित होगा, क्योंकि 60 प्रतिशत से अधिक आबादी कामकाजी आयु वर्ग की है।"

लेकिन उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस अवसर का लाभ उठाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में निवेश करना तथा ऐसे सुधारों को लागू करना महत्वपूर्ण है, जिनसे रोजगार सृजित हों और सरकारी कार्यकुशलता में सुधार हो।

जनशक्ति के उपयोग के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकता

मिश्रा ने कहा कि जनशक्ति के प्रभावी उपयोग के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, "अत्यधिक कुशल कार्यबल बनाने के लिए शिक्षा और कौशल विकास में निवेश करना महत्वपूर्ण है। नौकरी सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए स्वस्थ आबादी सुनिश्चित करने और आर्थिक सुधारों को लागू करने के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार करना महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने कहा कि मजबूत बुनियादी ढांचे का निर्माण, क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने से उत्पादकता बढ़ेगी और प्रवासन दबाव को कम करेगा।

मिश्रा ने कहा, "शहरी नियोजन को बढ़ाकर, कृषि आधुनिकीकरण का समर्थन करके और प्रभावी शासन सुनिश्चित करके भारत अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन कर सकता है। ये रांनीतियां भारत को सदी भर में सतत आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए अपनी बड़ी आबादी का लाभ उठाने में सक्षम बनाएंगी।"

प्रवासन को रोकने के लिए घरेलू अवसरों को बढ़ाना

हालांकि जनसंख्या वृद्धि से कई लाभ मिलते हैं, लेकिन यह आर्थिक प्रवासन जैसी चुनौतियां भी पैदा करती है।
IIPS के शोधकर्ता ने कहा कि भारत को प्रौद्योगिकी और अनुसंधान जैसे उन्नत क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों का सृजन करके घरेलू अवसरों को बढ़ाकर प्रतिभा पलायन को रोकना चाहिए।

उन्होंने कहा, "विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान सुविधाओं में निवेश करना और उद्योग-अकादमिक संबंधों को बढ़ावा देना शिक्षा को बाजार की जरूरतों के साथ जोड़ सकता है। वित्तीय प्रोत्साहन, कर लाभ और सार्वजनिक मान्यता प्रदान करने से प्रतिभा को बनाए रखा जा सकता है, जबकि स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा में सुधार से जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।"

मिश्रा ने यह भी कहा कि इसके अतिरिक्त, सुव्यवस्थित नौकरशाही प्रक्रियाओं और पुनः एकीकरण सहायता के माध्यम से प्रवासी वापस आ सकते हैं।

मिश्रा ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, "ये उपाय भारत के प्रतिभाशाली व्यक्तियों के लिए देश के विकास में योगदान देने और रहने के लिए एक आकर्षक वातावरण बना सकते हैं।

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जनसंख्या के संदर्भ में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है
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