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'भारत एक महान शक्ति है', अमेरिका ने आखिरकार किया स्वीकार

© AP Photo / Evan VucciPresident Joe Biden speaks with India's Prime Minister Narendra Modi and American and Indian business leaders in the East Room of the White House, Friday, June 23, 2023, in Washington.
President Joe Biden speaks with India's Prime Minister Narendra Modi and American and Indian business leaders in the East Room of the White House, Friday, June 23, 2023, in Washington. - Sputnik भारत, 1920, 31.07.2024
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पश्चिमी देशों ने 2022 में यूक्रेन में विशेष अभियान के बाद से मास्को पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, लेकिन भारत और चीन जैसे प्रमुख देशों ने रूस के साथ व्यापार जारी रखा है।
नई दिल्ली ने रूस के साथ अपने पुराने संबंधों, अपनी आर्थिक जरूरतों और अपने लोगों के हितों का हवाला देते हुए विशेष अभियान के बाद से मास्को से दूरी बनाने के पश्चिमी देशों के दबाव का विरोध किया है।
इस बीच अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने मंगलवार को कहा कि भारत "संभवतः अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण संबंध है, जिसे सही तरीके से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।"

कैंपबेल ने कहा, "सबसे कठिन बात यह है कि भारत भी एक महान शक्ति है। इसकी अपनी मान्यताएं हैं, इसके अपने हित हैं। वे संयुक्त राज्य अमेरिका में कभी भी औपचारिक सहयोगी या साझेदार नहीं होंगे, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वैश्विक मंच पर सहयोगी देशों के रूप में हमारे मध्य सबसे मजबूत संबंध नहीं हो सकते।"

इसके अलावा कैंपबेल ने सीनेट की विदेश संबंध समिति को बताया, "मुझे लगता है कि हम भारत के यूक्रेन शांति वार्ता में सीधे तौर पर शामिल होने की खबरें सुन सकते हैं। मुझे लगता है कि भारत वैश्विक स्तर पर एक जिम्मेदार भूमिका निभाना चाहता है।"
कैंपबेल की टिप्पणियों पर, भारत के वाशिंगटन दूतावास ने सोमवार को टोक्यो में भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर द्वारा दिए गए एक बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए वार्ता को प्रोत्साहित करने के लिए और अधिक किए जाने की आवश्यकता है एवं भारत उन कुछ देशों में से एक है जो दोनों पक्षों के संपर्क में है।
बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी तीसरे कार्यकाल की शपथ के बाद सबसे पहले यात्रा के लिए रूस को चुना। इस यात्रा के दौरान मास्को में मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच की गर्मजोशी भरी बैठकों को देख पश्चिमी देश अमेरिका सहित सभी पश्चिमी देश बेचैन हो गए।
गौरतलब है कि भारत ने सदैव ही यूक्रेन संकट का समाधान बातचीत और कूटनीति के द्वारा किए जाने की वकालत की है जबकि पश्चिमी देश यूक्रेन के जरिये रूस को हराना चाहते थे जिसमें वे पूरी तरह अब असफल साबित हो रहे हैं।
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