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भारत और रूस कुडनकुलम के लिए परमाणु ईंधन आपूर्ति पर सौदे पर विचार कर रहे हैं
भारत और रूस कुडनकुलम के लिए परमाणु ईंधन आपूर्ति पर सौदे पर विचार कर रहे हैं
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भारत और रूस कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की दो नई इकाइयों को परमाणु ईंधन और मुख्य घटकों की आपूर्ति के लिए 1.2 मिलियन डॉलर के सौदे पर काम कर रहे हैं,
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भारत और रूस कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की दो नई इकाइयों को परमाणु ईंधन और मुख्य घटकों की आपूर्ति के लिए 1.2 मिलियन डॉलर के सौदे पर काम कर रहे हैं, भारतीय मीडिया ने मामले से परिचित लोगों के हवाले से बताया।सूत्रों के अनुसार, इस सौदे में रूसी परमाणु ईंधन की आपूर्ति TVEL JSC कंपनी के माध्यम से परमाणु ऊर्जा विभाग को की जाएगी। 2025 से 2033 तक कुडनकुलम एन-पावर परियोजना की दो यूनिटों 3 और 4 के लिए प्रारंभिक लोड और उसके बाद के पांच रीलोड की आपूर्ति होगी।इसके अलावा नियंत्रण छड़ और ईंधन असेंबली निरीक्षण उपकरण सेट की आपूर्ति करने की परिकल्पना भी की गई है।गौरतलब है कि नई दिल्ली और मास्को ने कुडनकुलम परियोजना की अंतिम दो इकाइयों यानी इकाइयों नंबर 5 और नंबर 6 के निर्माण के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
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भारत और रूस कुडनकुलम के लिए परमाणु ईंधन आपूर्ति पर सौदे पर विचार कर रहे हैं
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित है। इसके पहले चरण यानी बिजली इकाइयों नंबर 1 और नंबर 2 को 2013 और 2017 में चालू किया गया था। दूसरे चरण यानी ब्लॉक नंबर 3 और नंबर 4 के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।
भारत और रूस कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की दो नई इकाइयों को परमाणु ईंधन और मुख्य घटकों की आपूर्ति के लिए 1.2 मिलियन डॉलर के सौदे पर काम कर रहे हैं, भारतीय मीडिया ने मामले से परिचित लोगों के हवाले से बताया।
सूत्रों के अनुसार, इस सौदे में रूसी परमाणु ईंधन की आपूर्ति TVEL JSC कंपनी के माध्यम से परमाणु ऊर्जा विभाग को की जाएगी। 2025 से 2033 तक कुडनकुलम एन-पावर परियोजना की दो यूनिटों 3 और 4 के लिए प्रारंभिक लोड और उसके बाद के पांच रीलोड की आपूर्ति होगी।
इसके अलावा नियंत्रण छड़ और ईंधन असेंबली निरीक्षण उपकरण सेट की आपूर्ति करने की परिकल्पना भी की गई है।
सूत्रों के हवाले से मीडिया ने यह भी बताया कि नई दिल्ली TVEL की मूल सरकारी कंपनी रोसाटॉम के साथ भारत में संयंत्र के लिए परमाणु ईंधन के निर्माण हेतु एक संयुक्त उद्यम बनाने की संभावना पर भी विचार कर रही है, जो भारत की परमाणु क्षमता को बढ़ावा देगा।
गौरतलब है कि नई दिल्ली और मास्को ने
कुडनकुलम परियोजना की अंतिम दो इकाइयों यानी इकाइयों नंबर 5 और नंबर 6 के निर्माण के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।