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INS अरिघात को भारतीय नौसेना में शामिल करने से इसकी शक्ति किस तरह बढ़ेगी?

© Photo : Indian NavyThe 5th submarine of Project–75 Vagir delivered to the Indian Navy on 20 Dec 2022.
The 5th submarine of Project–75 Vagir delivered to the Indian Navy on 20 Dec 2022. - Sputnik भारत, 1920, 30.08.2024
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परमाणु ऊर्जा संचालित और परमाणु हथियार संपन्न लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस अपनी दूसरी स्वदेशी सबमरीन (SSBN) अरिघात को नौसेना में शामिल करना भारत का एक बड़ा क़दम है। संभावना है कि इससे बड़ी और ज्यादा मिसाइलों से लैस तीसरी सबमरीन अहिदमन भी अगले साल की शुरूआत में ही नौसेना को मिल जाएगी।
न्यूक्लियर सबमरीन बेड़े का विस्तार पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की क्षमता बढ़ा देगा और वैश्विकस्तर पर उसका दबदबा क़ायम करेगा।

न्यूक्लियर सबमरीन बहुत लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती है क्योंकि उसे हर बार कुछ दिनों बाद सतह पर आने की ज़रूरत नहीं होती। इससे वह बिना दुश्मन की नज़र में आए रह सकती है। लंबी दूरी तक परमाणु हमला करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस SSBN दुश्मन को कोई भी हरक़त करने से रोकने वाला हथियार होती है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र और खासकर हिंद महासागर में बड़ी नौसेनाओं से बराबरी करने के लिए भारतीय नौसेना को न्यूक्लियर सबमरीन की ज़रूरत है। भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान के प्रमुख रहे वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा ने Sputnik India को बताया कि वे SSBN को भारत के लिए ज़रूरी शक्ति मानते हैं।

"SSBN ही भारत को जवाबी परमाणु हमले की शक्ति दे सकती है क्योंकि केवल यही दुश्मन के परमाणु हमले के बाद भी सुरक्षित रहेगी। अभी तक भारतीय नौसेना के पास केवल एक SSBN थी लेकिन अब अरिघात के आने के बाद यह शक्ति दोगुनी हो गई है। यह स्वदेशी है इसलिए हमेशा भरोसेमंद रहेगी क्योंकि इसकी सार-संभाल के लिए विदेश पर निर्भरता नहीं रहेगी," एडमिरल सिन्हा ने कहा।

भारत की दोनों सबमरीन 750 किमी से 3000 किमी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस हैं। संभावना है कि तीसरी और चौथी सबमरीन में 5000 किमी तक मार करने वाली मिसाइलें लगाई जाएं। एडमिरल सिन्हा का मानना है कि अभी भारत को ज्यादा बड़ी SSBN की ज़रूरत होगी।

"अभी हमने 6000 टन की सबमरीन बनाई है लेकिन इसमें ज्यादा लंबी दूरी की मिसाइल लगाने के लिए बड़े साइलो की ज़रूरत होगी। इसलिए तीसरी इन दोनों से बड़ी और चौथी सबसे बड़ी होगी। नौसेना को आधुनिक बनाने की रफ्तार को स्वदेशीकरण के साथ मिलाकर असरदार ढंग से बनाए रखना होगा," उन्होंने कहा।

India Submarine - Sputnik भारत, 1920, 29.08.2024
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न्यूक्लियर सबमरीन अरिघात भारतीय नौसेना में शामिल
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