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भारत के T-72 का होगा अपग्रेड, रूस के साथ मिलकर टैंकों के निर्यात करने की योजना

© AP Photo / Kevin FrayerIndian soldiers ride in T-72 tanks in the fog in preparation for Republic Day celebrations near the Presidential Palace in New Delhi, India, Tuesday, Jan. 17, 2012.
Indian soldiers ride in T-72 tanks in the fog in preparation for Republic Day celebrations near the Presidential Palace in New Delhi, India, Tuesday, Jan. 17, 2012. - Sputnik भारत, 1920, 17.09.2024
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विशेष
भारतीय सेना ने अपने टैंकों को आधुनिक बनाने का निर्णय किया है और वह अपने पुराने रूसी मूल के टी-72 टैंकों को चरणबद्ध तरीके से हटाएगी। एक चित्ताकर्षक बात यह है कि अब रूस और भारत इन टी-72 टैंकों को निर्यात करने पर विचार कर रहे हैं।
दोनों देशों के मध्य रक्षा सौदों से जुड़े एक बड़े अधिकारी ने Sputnik India को बताया है कि इन टैंकों को भारत में ही अपग्रेड किया जाएगा और उनका निर्यात किया जाएगा। भारतीय सेना में टी-72 टैंकों की संख्या लगभग 2500 है और यह मुख्य युद्धक टैंक है। भारत ने 70 के दशक में इन टैंकों को अपनी सेना में सम्मिलित करना आरंभ किया था।

टी-72 टैंक अभी भी दुनिया के सबसे विश्वसनीय टैंकों में गिने जाते हैं और इनकी मांग कम नहीं हुई है। मुख्य रूप से अफ्रीका, मध्य-पूर्व और सुदूर पूर्व एशिया के कई देश टी-72 टैंकों में रुचि दिखा रहे हैं जबकि भारत इन्हें सेना से हटाने की तैयारी कर रहा है। भारत और रूस के तकनीकी विशेषज्ञ बड़ी संख्या में सेना से बाहर हुए इन टैंकों को पुनः मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं।

भारत में चेन्नई के पास अवडी की भारी वाहन फैक्टरी में 80 के दशक में टी-72 टैंकों का उत्पादन आरंभ हुआ था जबकि 500 टैंक सीधे सोवियत संघ से खरीदे गए थे। इसी फैक्टरी में 2000 के दशक में उन्नत टी-90 टैंकों का भी उत्पादन हुआ था। अब इसी फैक्टरी में टी-72 टैंकों को अपग्रेड किया जाएगा और उनका निर्यात किया जाएगा। अगर यह प्रयोग सफ़ल रहा तो बाद में रूसी मूल की बख्तरबंद गाड़ियां यानि बीएमपी को इसी प्रकार निर्यात करने पर विचार किया जा सकता है। भारतीय सेना बीएमपी को भी परिवर्तित करने की तैयारी कर रही है।
भारतीय सेना में सबसे अधिक संख्या टी-72 टैंकों की ही है। इसके अतिरिक्त लगभग 1000 टी-90 और लगभग 100 स्वदेशी अर्जुन टैंक भी भारतीय सेना में सम्मिलित हैं। टी-72 टैंक में 125 मिमी की मुख्य गन के अतिरिक्त एक एंटी-एयरक्राफ्ट गन और एक मशीनगन भी लगी होती है।
टी-72 टैंक सड़क पर 60 किमी और बिना सड़क के मैदान में 35 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकता है। यह 1.2 मीटर गहरी नदी को पार कर सकता है। भारत ने मई 2020 में लद्दाख में चीन के साथ उत्पन्न हुए तनाव के दौरान अपने टी-72 टैंकों को यहाँ नियुक्त किया था। इतनी ऊंचाई पर पहली बार इन टैंकों को नियुक्त किया गया है।
An Indian Army Bhishma tank, the locally assembled version of the T-90S tank, rolls in front of vehicle mounted Brahmos missiles during Army Day parade in New Delhi, India, Thursday, Jan. 15, 2009. - Sputnik भारत, 1920, 31.07.2024
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भारत सेना के टैंकों को नए सक्रिय कवच से लैस करने की योजना बना रहा: रिपोर्ट
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