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पूर्वी भारत में तीनों सेनाओं का शक्तिशाली संयुक्त अभ्यास - 'पूर्वी प्रहार'

© Sputnik / Krishna Mohan MishraIndian army tank in Ladakh
Indian army tank in Ladakh - Sputnik भारत, 1920, 08.11.2024
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भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने पूर्वी भारत में एक बड़ा साझा अभ्यास शुरू किया है। तीनों ही सेनाओं के दस्ते 8 नवंबर से एकत्र होना शुरू हो गए हैं और 10 से 18 नवंबर तक अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग इस अभ्यास में किया जाएगा।
पूर्वी प्रहार नाम के इस अभ्यास के ज़रिए पहाड़ी क्षेत्रों में तीनों सेनाओं के तालमेल के साथ सम्मिलित अभियानों और किसी भी आपातकालीन परिस्थिति के लिए तैयार रहने की क्षमता को परखा जाएगा।
अभ्यास में लड़ाकू एयरक्राफ्ट, टोही एयरक्राफ्ट, लड़ाकू और परिवहन हेलीकॉप्टर भाग लेंगे। सेना कम समय में तैनाती करने तथा अपने नवीनतम हथियारों से दुश्मन पर निर्णायक प्रहार करने की अपनी क्षमता का परीक्षण करेगी। लड़ाई के सबसे नए हथियार ड्रोन की क्षमता का आंकलन भी किया जाएगा।
सेना के सूत्रों के मुताबिक झुंड में हमला करने वाले यानी स्वार्म ड्रोन के अलावा फर्स्ट पर्सन व्यू(एफपीवी) ड्रोन को मैदान में उतारा जाएगा। एफपीवी ड्रोन आसमान से दुश्मन के इलाक़े के वीडियो ऑपरेटर के पास पहुंचाते हैं जिन्हें खास चश्मे या मोबाइल पर लगातार देखा जा सकता है।
भारतीय सेना ने पिछले दो सालों में ड्रोन वारफे़यर को तेज़ी से अपनाया है। सेना द्वारा हाल ही में खरीदे गए लॉइटर म्यूनिशन के असर को भी युद्ध के माहौल में देखा जाएगा। ये ड्रोन द्वारा चलाए जाने वाले ऐसे हथियार हैं जो तय समय तक आसमान में मंडरा सकते हैं और मौका मिलने पर सटीक वार कर सकते हैं। इन हथियारों के प्रयोग से सैनिकों की तेज़ रफ्तार से सटीक हमला करने की क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है।
इस बड़े अभ्यास में तीनों सेनाओं के साझा कंट्रोल सेंटर को सेटेलाइट के जरिए संचार और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से परिस्थितियों के सटीक विश्लेषण का मौका मिलेगा। अभ्यास में वायुसेना की पूर्वी कमान के कोलकाता, हाशीमार, कलाइकोंडा, तेज़पुर जैसे एयरबेस भाग लेंगे वहीं नौसेना के कमांडो के अलावा टोही विमान शामिल होंगे। भारतीय सेना पहाड़ी इलाकों में जवानों के साथ लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की ताकत का भी परीक्षण करेगी।
भारतीय सेना की पूर्वी कमान न केवल चीन के साथ लगती ऊंची पर्वतीय सीमा की सुरक्षा संभालती है बल्कि इसी के ऊपर बांग्लादेश और म्यांमार सीमा की भी ज़िम्मेदारी है।
चीन के साथ चार साल से ज्यादा समय तक लद्दाख में चल रही सैनिक मोर्चाबंदी को बातचीत के ज़रिए सुलझाने की कोशिश जारी है लेकिन भारत अपनी सैनिक तैयारियों में कोई ढील नहीं देना चाहता। भारत ने तीनों सेनाओं की एक संयुक्त कमान, अर्थात् थियेटर कमान बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, तथा पूर्वी प्रहार जैसे अभ्यासों के माध्यम से युद्ध जैसी परिस्थितियों में उनके तालमेल का परीक्षण कर रहा है।
7th Indian Navy Frigate of P1135.6 class Tushil - Sputnik भारत, 1920, 07.11.2024
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