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हवाई सुरक्षा को अभेद्य बनाने की तैयारी, नई एंटी एयरक्राफ्ट गन के परीक्षण जुलाई से: भारतीय सेना
हवाई सुरक्षा को अभेद्य बनाने की तैयारी, नई एंटी एयरक्राफ्ट गन के परीक्षण जुलाई से: भारतीय सेना
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अपनी हवाई सुरक्षा को आधुनिक बनाने के लिए भारतीय सेना 220 नई एंटी एयरक्राफ्ट गन की खरीद की तैयारी में है।
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Corps of Army Air Defence यानी AAD के डायरेक्टर जनरल ले. जनरल सुमेर इवान डीकुन्हा ने बताया है कि जुलाई में दो स्वदेशी गन का परीक्षण शुरू हो जाएगा। ये नई एंटी एयरक्राफ्ट गन लंबे समय से प्रयोग की जा रही BOFORS L 70 और ZU-23 का स्थान लेंगी।भारतीय सेना में लगभग 1200 एंटी एयरक्राफ्ट गन हैं जिन्हें चरणबद्ध तरीके से आधुनिक गन से बदला जाएगा। सभी नई गन स्वदेशी होंगी और इनमें आधुनिक फ़ायर कंट्रोल और टार्गेट ट्रेकिंग सिस्टम होंगे। हालांकि इन दोनों ही गन को अपग्रेड किया गया है और इन्हें खासतौर पर ड्रोन हमलों से निबटने की क्षमता दी जाएगी। इसके अलावा ड्रोन खतरे से निपटने के लिए ड्रोन किल सिस्टम लेने की योजना है जिसमें ड्रोन के ऊपर दूसरा ड्रोन या रॉकेट लगाकर ड्रोन हमलों से निपटा जा सकेगा। गाड़ियों पर लगे बड़े एंटी ड्रोन सिस्टम की खरीद पर भी विचार चल रहा है जिनमें 64 रॉकेट लगे हों ताकि बड़ी तादाद में होने वाले ड्रोन हमलों का मुक़ाबला किया जा सके।
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हवाई सुरक्षा को अभेद्य बनाने की तैयारी, नई एंटी एयरक्राफ्ट गन के परीक्षण जुलाई से: भारतीय सेना
अपनी हवाई सुरक्षा को आधुनिक बनाने के लिए भारतीय सेना 220 नई एंटी एयरक्राफ्ट गन खरीदने की तैयारी कर रही है।
Corps of Army Air Defence यानी AAD के डायरेक्टर जनरल ले. जनरल सुमेर इवान डीकुन्हा ने बताया है कि जुलाई में दो स्वदेशी गन का परीक्षण शुरू हो जाएगा। ये नई एंटी एयरक्राफ्ट गन लंबे समय से प्रयोग की जा रही BOFORS L 70 और ZU-23 का स्थान लेंगी।
उन्होंने जानकारी दी कि अगले साल तक इन एंटी एयरक्राफ्ट गन का सौदा होने की आशा है। इनमें आधुनिक स्मार्ट गोला-बारूद प्रयोग किया जाएगा ताकि अलग-अलग हवाई हमलों का मुक़ाबला किया जा सके।
भारतीय सेना में लगभग 1200 एंटी एयरक्राफ्ट गन हैं जिन्हें चरणबद्ध तरीके से आधुनिक गन से बदला जाएगा। सभी नई गन स्वदेशी होंगी और इनमें आधुनिक फ़ायर कंट्रोल और टार्गेट ट्रेकिंग सिस्टम होंगे। हालांकि इन दोनों ही गन को अपग्रेड किया गया है और इन्हें खासतौर पर ड्रोन हमलों से निबटने की क्षमता दी जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि कंधे से चलाई जाने वाली हल्के वजन वाली Very Short Range Air Defence System, यानी VSHORADS के कई सफल परीक्षण किए जा चुके हैं। इनकी संख्या अभी तय नहीं है, लेकिन सेना शुरुआत में आपातकालीन खरीद के तौर पर इनकी थोड़ी संख्या लेने की योजना बना रही है।
इसके अलावा ड्रोन खतरे से निपटने के लिए ड्रोन किल सिस्टम लेने की योजना है जिसमें
ड्रोन के ऊपर दूसरा ड्रोन या रॉकेट लगाकर ड्रोन हमलों से निपटा जा सकेगा। गाड़ियों पर लगे बड़े एंटी ड्रोन सिस्टम की खरीद पर भी विचार चल रहा है जिनमें 64 रॉकेट लगे हों ताकि बड़ी तादाद में होने वाले ड्रोन हमलों का मुक़ाबला किया जा सके।