https://hindi.sputniknews.in/20250222/paanch-saal-men-aaegaa-nyaa-svdeshii-mobaail-eyri-difens-sistm-bhaaritiiy-senaa-8802672.html
पांच साल में आएगा नया स्वदेशी मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम: भारतीय सेना
पांच साल में आएगा नया स्वदेशी मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम: भारतीय सेना
Sputnik भारत
अपने टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों और दूसरे वाहनों को हवाई हमलों से बचाने वाले नई पीढ़ी के एयर डिफेंस सिस्टम अगले पांच साल में परीक्षण के लिए तैयार हो जाएंगे।
2025-02-22T18:07+0530
2025-02-22T18:07+0530
2025-02-22T18:07+0530
डिफेंस
भारत
भारत का विकास
रूसी सैन्य तकनीक
सैन्य तकनीक
सैन्य प्रौद्योगिकी
द्विपक्षीय रिश्ते
रूस
वायुसेना
भारतीय वायुसेना
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/03/01/6710539_97:0:1178:608_1920x0_80_0_0_4a89f5156ffcd1b95ccb0209a7d44d26.png
Corps of Army Air Defence यानी AAD के डायरेक्टर जनरल ले. जनरल सुमेर इवान डीकुन्हा ने बताया कि स्वदेशी रक्षा उद्योग ने पांच साल में परीक्षण के लिए प्रोटोटाइप तैयार कर लेने का आश्वासन दिया है। भारतीय सेना रूसी मूल के तुंगुश्का और शिल्का सेल्फ प्रोपेल्ड एयर डिफेंस सिस्टम प्रयोग करती है। इनमें एंटी एयरक्राफ्ट गन और मिसाइल दोनों ही लगे होते हैं। दोनों ही टैंक की तरह ट्रैक पर होते हैं ताकि ऊबड़खाबड़ या रेतीली ज़मीन पर रफ्तार से चल सकें।भारत ने रूसी ADGMSP पांत्सिर के विकास और साझा उत्पादन के लिए नवंबर 2024 में एक समझौता किया है। हाल ही में संपन्न एरो इंडिया प्रदर्शनी में भारत डायनामिक्स लिमिटेड के सीएमडी ने Sputnik India के साथ विशेष बातचीत में कहा था कि पांत्सिर को लेकर रूस के साथ चर्चा सफलता रही है। पांत्सिर में भी एंटी एयरक्राफ्ट ऑटोकेनन के साथ-साथ मिसाइल भी लगी है और यह रफ्तार के साथ चल सकता है। संभावना है कि नए स्वदेशी ADGMSP के आने तक पांत्सिर भारतीय सेनाओं की हवाई सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाएगा।
https://hindi.sputniknews.in/20250218/preparations-to-install-drones-on-tanks-in-russia-8784683.html
भारत
रूस
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2025
कृष्णमोहन मिश्रा
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/05/14/7409018_0:0:486:485_100x100_80_0_0_7e79ffa0ba84a7bd46685bfea1e9d1aa.jpg
कृष्णमोहन मिश्रा
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/05/14/7409018_0:0:486:485_100x100_80_0_0_7e79ffa0ba84a7bd46685bfea1e9d1aa.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/03/01/6710539_232:0:1043:608_1920x0_80_0_0_b344b77d6ffa77501097de6ec8ed737e.pngSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
कृष्णमोहन मिश्रा
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/05/14/7409018_0:0:486:485_100x100_80_0_0_7e79ffa0ba84a7bd46685bfea1e9d1aa.jpg
भारत, भारतीय सेना, एयर डिफेंस, ड्रोन एंटी, ड्रोन, एंटी एयरक्राफ्ट गन
भारत, भारतीय सेना, एयर डिफेंस, ड्रोन एंटी, ड्रोन, एंटी एयरक्राफ्ट गन
पांच साल में आएगा नया स्वदेशी मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम: भारतीय सेना
अपने टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों और दूसरे वाहनों को हवाई हमलों से बचाने वाले नई पीढ़ी के एयर डिफेंस सिस्टम अगले पांच साल में परीक्षण के लिए तैयार हो जाएंगे।
Corps of Army Air Defence यानी AAD के डायरेक्टर जनरल ले. जनरल सुमेर इवान डीकुन्हा ने बताया कि स्वदेशी रक्षा उद्योग ने पांच साल में परीक्षण के लिए प्रोटोटाइप तैयार कर लेने का आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद 6-7 साल में Air Defence Gun Missile System Self-Propelled यानी ADGMSP सेना में शामिल होने शुरू हो जाएंगे। सेना के हमलावर बख्तरबंद दस्तों जैसे टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों को सबसे ज्यादा खतरा दुश्मन के हेलीकॉप्टरों या ड्रोन के हमलों से होता है।
भारतीय सेना रूसी मूल के तुंगुश्का और शिल्का सेल्फ प्रोपेल्ड एयर डिफेंस सिस्टम प्रयोग करती है। इनमें एंटी एयरक्राफ्ट गन और मिसाइल दोनों ही लगे होते हैं। दोनों ही टैंक की तरह ट्रैक पर होते हैं ताकि ऊबड़खाबड़ या रेतीली ज़मीन पर रफ्तार से चल सकें।
जनरल डीकुन्हा ने कहा कि पुराने रूसी सिस्टम काम करते रहेंगे साथ ही नए स्वदेशी ADGMSP की तलाश भी जारी रहेगी। नए सिस्टम में भी ड्रोन, हेलीकॉप्टर दोनों से निबटने की क्षमता होगी। भारतीय सेना में लगभग 90 शिल्का के अलावा इतनी ही तादाद में तुंगुश्का है।
भारत ने
रूसी ADGMSP पांत्सिर के विकास और साझा उत्पादन के लिए नवंबर 2024 में एक समझौता किया है। हाल ही में संपन्न एरो इंडिया प्रदर्शनी में भारत डायनामिक्स लिमिटेड के सीएमडी ने Sputnik India के साथ विशेष बातचीत में कहा था कि पांत्सिर को लेकर रूस के साथ चर्चा सफलता रही है।
पांत्सिर में भी एंटी एयरक्राफ्ट ऑटोकेनन के साथ-साथ मिसाइल भी लगी है और यह रफ्तार के साथ चल सकता है। संभावना है कि नए स्वदेशी ADGMSP के आने तक पांत्सिर भारतीय सेनाओं की हवाई सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाएगा।