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DRDO ने साझा की नई तकनीक, स्वदेशी रक्षा उद्योग को नई शक्ति

© Getty Images / Hindustan Times155 mm 52 cal Mounted Gun System displayed at Techfest has been organized at IIT Mumbai, Powai on December 17, 2024 in Mumbai, India.
155 mm 52 cal Mounted Gun System displayed at Techfest has been organized at IIT Mumbai, Powai on December 17, 2024 in Mumbai, India.  - Sputnik भारत, 1920, 09.06.2025
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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 9 सैनिक तकनीक निजी और सरकारी उद्योगों को प्रदान की हैं। यह सभी तकनीक DRDO ने विकसित की है और अब उद्योग उनका आगे विकास और उत्पादन करेंगे।
एक प्रमुख तकनीक CBRN रासायनिक, जैविक, रेडियोएक्टिव और परमाणु संक्रमण का पता लगाने वाले वाहन रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल, परमाणु (CBRN) टोही वाहन Mk-II की तकनीक भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को दी गई है। वहीं पहियों या ट्रैक पर चलने वाले माउंटेड गन सिस्टम की तकनीक भारत फोर्ज लिमिटेड को दी गई है।
सीबीआरएन टोही वाहन को मूल रूप से रूस से आयातित बख्तरबंद गाड़ी BMP-II पर तैयार किया गया है। ट्रैक पर चलने वाला यह वाहन रासायनिक, जैविक, रेडियोएक्टिव या परमाणु संक्रमण का पता लगाता है और इसे संबंधित केंद्रों तक भेजता है। इसका प्रयोग मरुस्थलीय, अर्ध मरुस्थलीय या मैदानी क्षेत्रों में किया जा सकता है।
155 मिमी की पहियों या ट्रैक पर चलने वाली तोपें यानि माउंटेड गन सिस्टम की तकनीक भी दी गई है जिनके शामिल करने की प्रतीक्षा भारतीय सेना कर रही है। अभी भारतीय सेना के पास ट्रैक पर चलने वाली 100 के-9 वज्र तोपें हैं जबकि ऐसी ही 100 अतिरिक्त तोपों का ऑर्डर दिया जाता है। लेकिन भारतीय सेना को अपनी सीमाओं पर तेजी से तैनात होने वाली माउंटेड गन सिस्टम की आवश्यकता है। भारतीय सेना अपने तोपखाने को तेज़ी से आधुनिक बना रहा है।
इन दोनों बड़ी तकनीक के अतिरिक्त आतंकवादियों के विरुद्ध संघर्ष में उपयोगी ट्रैक पर चलने वाले वाहन, अर्जुन टैंक को ले जाने वाला ट्रेलर, एक-जगह से दूसरी जगह ले जाने वाला शेल्टर, दंगाइयों से निबटने वाला वाहन, अर्जुन टैंक की मरम्मत और सार-संभाल के लिए उपयोगी वाहन, संक्रमण समाप्त करने वाला सिस्टम की तकनीक भी उद्योगों को दे दी गई है।
भारत ने पिछले एक दशक में स्वदेशी रक्षा उद्योग को शक्तिशाली बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। समय-समय पर उन रक्षा उत्पादों की सूची जारी की है जिन्हें अब केवल स्वदेशी उद्योग से ही खरीदा जा सकता है। भारतीय रक्षा उद्योग ने निर्यात में भी वृद्धि दिखाई है और सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 में रक्षा निर्यात 23622 करोड़ रुपए का हो गया है। यह निर्यात 2013-14 की तुलना में 34 गुना बढ़ गया है।
S-400 Air Defence Systems - Sputnik भारत, 1920, 04.03.2025
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