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रूस द्वारा अफ़ग़ान अधिकारियों को मान्यता के बीच उन पर ICC का मुकदमा: फेडरेशन काउंसिल के उपाध्यक्ष
रूस द्वारा अफ़ग़ान अधिकारियों को मान्यता के बीच उन पर ICC का मुकदमा: फेडरेशन काउंसिल के उपाध्यक्ष
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रूसी संघ परिषद के उपाध्यक्ष कोंस्टेंटिन कोसाचेव के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा तालिबान पर मुकदमा रूस और अन्य देशों द्वारा नए अफगान अधिकारियों को मान्यता दिए जाने की पृष्ठभूमि में शुरू हुआ।
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अदालत के एक बयान के मुताबिक, ICC ने तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा और अफ़ग़ानिस्तान के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल हकीम हक्कानी के ख़िलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।उनकी राय में, "इस तथाकथित अदालत द्वारा तालिबान का उत्पीड़न रूस और अन्य देशों द्वारा नए अफ़ग़ान अधिकारियों को मान्यता देने की पृष्ठभूमि में शुरू हुआ।" उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अदालत ने "अफगानिस्तान में पश्चिमी कब्ज़ाकारी सेनाओं और उनके सहयोगियों" द्वारा किए गए "युद्ध अपराधों" के संबंध में कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया है।
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रूसी संघ परिषद के उपाध्यक्ष, कोंस्टेंटिन कोसाचेव, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय, icc का तालिबान पर मुकदमा, रूस और अन्य देशों द्वारा नए अफगान अधिकारियों को मान्यता,deputy chairman of the russian federation council, konstantin kosachev, international criminal court, icc's trial of the taliban, recognition of the new afghan authorities by russia and other countries,icc का मुकदमा
रूसी संघ परिषद के उपाध्यक्ष, कोंस्टेंटिन कोसाचेव, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय, icc का तालिबान पर मुकदमा, रूस और अन्य देशों द्वारा नए अफगान अधिकारियों को मान्यता,deputy chairman of the russian federation council, konstantin kosachev, international criminal court, icc's trial of the taliban, recognition of the new afghan authorities by russia and other countries,icc का मुकदमा
रूस द्वारा अफ़ग़ान अधिकारियों को मान्यता के बीच उन पर ICC का मुकदमा: फेडरेशन काउंसिल के उपाध्यक्ष
रूसी फेडरेशन काउंसिल के उपाध्यक्ष कोंस्टेंटिन कोसाचेव के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा तालिबान पर मुकदमा रूस और अन्य देशों द्वारा नए अफ़ग़ान अधिकारियों को मान्यता दिए जाने की पृष्ठभूमि में शुरू हुआ।
अदालत के एक बयान के मुताबिक, ICC ने तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा और अफ़ग़ानिस्तान के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल हकीम हक्कानी के ख़िलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
कोसाचेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा, "ICC ने अब तालिबान आंदोलन के प्रमुख और अफ़ग़ानिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को अपना नया निशाना बनाया है।"
उनकी राय में, "इस तथाकथित अदालत द्वारा
तालिबान का उत्पीड़न रूस और अन्य देशों द्वारा नए अफ़ग़ान अधिकारियों को मान्यता देने की पृष्ठभूमि में शुरू हुआ।"
उन्होंने कहा, "कृपया ध्यान दें कि रूस द्वारा तालिबान शासन को मान्यता दिए जाने से पहले, ICC को अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति में बिल्कुल भी रुचि नहीं थी लेकिन अब यह इसमें रुचि ले रहा है।"
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अदालत ने "
अफगानिस्तान में पश्चिमी कब्ज़ाकारी सेनाओं और उनके सहयोगियों" द्वारा किए गए "युद्ध अपराधों" के संबंध में कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया है।
कोसाचेव ने यह निष्कर्ष निकाला कि, "उस समय, ICC ने अपनी विशेष रूप से निर्धारित राजनीतिक भूमिका को दुनिया के सामने स्पष्ट रूप से दिखा दिया। जब अफ़ग़ानिस्तान में गांव, स्कूल, मस्जिदें और अस्पताल तबाह किए जा रहे थे और महिलाओं व बच्चों समेत निर्दोष लोग जान गंवा रहे थे, तब किसी के ख़िलाफ़ कोई वारंट जारी नहीं हुआ। हमेशा की तरह दोहरे मानदंड अपनाए गए।"