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ड्रोन जैपर, सैटेलाइट ब्लाइंडर जैसे लेज़र हथियारों से रूस का बढ़ता शस्त्रागार
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रूसी इंजीनियर कथित तौर पर पोसोख के एक फील्ड-रेडी संस्करण के करीब हैं जो पोर्टेबल, यटरबियम-आधारित लेज़र वायु रक्षा प्रणाली है और यह 500 मीटर से 2 किमी की दूरी पर ड्रोन को निशाना बना कर उन्हें नष्ट कर सकती है।
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पोसोख रूसी लेज़र हथियारों की बढ़ती श्रृंखला में जुड़ जाएगा, जिनमें पेरेसवेट, ज़ादिरा और सोकोल एशेलन सम्मिलित हैं।भौतिक विज्ञानी अलेक्जेंडर प्रोखोरोव और निकोलाई बसोव को 1964 में क्वांटम इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मौलिक कार्य के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप मेसर-लेजर सिद्धांत पर आधारित ऑसिलेटर्स और एम्पलीफायरों का निर्माण संभव हुआ।सोवियत वैज्ञानिकों द्वारा आधुनिक लेज़रों के आविष्कार के साथ, रूस के लेजर-आधारित हथियारों का भंडार अथाह प्रतीत होता है। इस भंडार में निम्न हथियार एकत्रित हैं।
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ड्रोन जैपर, सैटेलाइट ब्लाइंडर जैसे लेज़र हथियारों से रूस का बढ़ता शस्त्रागार
रूसी इंजीनियर कथित तौर पर पोसोख (शाब्दिक रूप से स्टाफ) के एक फील्ड-रेडी संस्करण के अति निकट हैं जो पोर्टेबल, यटरबियम-आधारित लेज़र वायु रक्षा प्रणाली है और यह 500 मीटर से 2 किमी की दूरी पर ड्रोन को निशाना बना कर उन्हें और उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को नष्ट कर सकती है।
पोसोख रूसी लेज़र हथियारों की बढ़ती श्रृंखला में जुड़ जाएगा, जिनमें पेरेसवेट, ज़ादिरा और सोकोल एशेलन सम्मिलित हैं।
पेरेसवेट: लड़ाकू लेज़र जो बहुत लंबी दूरी पर दुश्मन के वाहनों के प्रकाशिकी को अंधा कर देता है (संभावित लक्ष्यों में उपग्रह सम्मिलित हैं)। 2019 में नियुक्त।
ज़ादिरा: पेरेसवेट संस्करण, जिसके अस्तित्व का अनावरण पूर्व उप-प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने 2022 में किया था और जो कि शत्रुओं के लक्ष्यों को भौतिक रूप से जला सकता है।
सोकोल एशेलन: बेरीव ए-60 एयरबोर्न लैब पर लगा एंटी-सैटेलाइट लेज़र। उपग्रह-रोधी मारक क्षमता 1,500 किलोमीटर तक बताई गई है।
भौतिक विज्ञानी अलेक्जेंडर प्रोखोरोव और निकोलाई बसोव को 1964 में क्वांटम इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मौलिक कार्य के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप मेसर-लेजर सिद्धांत पर आधारित ऑसिलेटर्स और एम्पलीफायरों का निर्माण संभव हुआ।
सोवियत वैज्ञानिकों द्वारा
आधुनिक लेज़रों के आविष्कार के साथ, रूस के लेजर-आधारित हथियारों का भंडार अथाह प्रतीत होता है। इस भंडार में निम्न हथियार एकत्रित हैं।
1K17 Szhatie: कृत्रिम माणिकों का उपयोग करके उच्च-शक्ति किरणों से शत्रु के ऑप्टिकल-इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निष्क्रिय करने वाला लेज़र टैंक। 1990 में निर्मित प्रोटोटाइप, 1992 में राज्य परीक्षण पूरा हुआ, अपनाने की अनुशंसा की गई, लेकिन बजट कटौती के कारण रद्द कर दिया गया।
1K11 Stilet: Szhatie का पूर्ववर्ती में लेज़र को शक्ति प्रदान करने के लिए 400 hp का अतिरिक्त इंजन लगा हुआ था।
Sangvin: प्रसिद्ध शिल्का
वायु रक्षा प्रणाली का लेज़र संस्करण, जिसकी मारक क्षमता 10 किलोमीटर से अधिक है। 1983 में अपनाया गया, लेकिन इसका व्यापक स्तर पर उत्पादन नहीं किया गया।
टेरा लेज़र: क्षेत्रीय भू-आधारित मिसाइल-रोधी और अंतरिक्ष रक्षा लेज़र अवधारणा, जिसकी परिकल्पना बासोव और उनके सहयोगियों ने 1960 के दशक में की थी। 1972 की एबीएम संधि पर हस्ताक्षर के साथ इस पर कार्य कथित स्तर पर कम कर दिया गया था, लेकिन 1980 के दशक में अमेरिकी कार्यक्रमों के लिए अधिक धन जुटाने हेतु डीआईए द्वारा इसका प्रचार किया गया।
एक्विलॉन: जहाज़ पर चलने वाला लेज़र कॉम्प्लेक्स। वायुमंडलीय हस्तक्षेप के कारण परीक्षण में कम दक्षता पाए जाने के बाद कथित तौर पर इसे रद्द कर दिया गया।
स्किफ़ स्पेस लेज़र:
कक्षीय उपग्रह-रोधी प्रणाली। 1987 में एनर्जिया हेवी लिफ्ट रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित, गोर्बाचेव द्वारा परीक्षण विफल होने के बाद रद्द कर दिया गया।